वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अध्ययन में ये बात निकाल के आई कि देश में महिलाओं का कंपनियों में नौकरी पाने का आंकड़ा कम हो रहा है। इस अध्ययन के अनुसार देश में हर तीन कंपनियों में से एक कंपनी अपने यहां महिला कर्मचारी को नियुक्त करना चाहता है। वहीं 10 कम्पनियों में से एक ने कहा कि वे पुरुषों के स्थान पर महिलाओं को अपने यहां नियुक्त करना चाहते हैं।
‘फ्यूचर ऑफ वर्क इन इण्डिया’ नाम की इस रिपोर्ट को ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने तैयार किया है। देश की बड़ी कंपनियों में महिलाओं का नौकरी में नियुक्ति का प्रतिशत 26 है। इस रिपोर्ट में 770 कम्पनियों उन कंपनियों को लिया गया, जिनके कर्मचारी 25,00 से अधिक हैं। देश में 71 प्रतिशत कम्पनियों में 10 प्रतिशत महिला कर्मचारी हैं, तो वहीं 2.4 प्रतिशत कंपनियों में आधी और उससे अधिक संख्या महिलाओं की है। रिटेल के क्षेत्र में 45 प्रतिशत कंपनियों में महिला कर्मचारी नहीं हैं, वहीं यातायात और आवागमन के प्रबंधन से जुड़े कामों में लगी कंपनियों में ये प्रतिशत 36 है। जबकि इन कार्यक्षेत्रों में पुरुष कर्मचारियों को नियुक्त करने का प्रतिशत 43 और 48 तक है।
महिला कर्मचारियों के साथ ये भेदभाव यहीं तक सीमित नहीं है, 75 प्रतिशत फ्रीलांस काम करने वाले पुरुष हैं, वहीं 10 साल से 20 साल तक का कार्य अनुभव रखने वाले पुरुषों को 30 प्रतिशत तक अधिक वेतन अपने समकक्ष महिला कर्मचारियों की तुलना में मिलता है।