इस खबर को रिज़वाना फेलोशिप के अंतर्गत फ़ेलोज़ द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
जींद की सड़कों पर आपको आवारा पशुओं की भीड़ हमेशा देखने को मिलेगी लेकिन इन पशुओं के रहने के लिए यहां कोई स्थायी गौशाला नहीं है। आए दिन प्रशासन गोशालाओं की घोषणा करता है लेकिन आवारा पशु वहां होने की बजाय सड़को पर और सब्ज़ी मंडियों में घूम रहे है। आवारा पशुओं का आतंक इतना बढ़ गया है कि इससे लोगों को सड़कों पर निकलने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सड़क दुर्घटनाएं होती है जिससे लोगों को चोटें भी लगती हैं और कई बार पशु भी घायल हो जाते हैं।
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लोगों ने बताया कि पशु कभी उनकी सब्ज़ी खा जाते हैं तो कभी कुछ और। पशुओं की वजह से कई बार दुर्घटना भी होती है। प्रशासन कहने को कहता है गौशाला बनवाई है लेकिन देखने को नहीं मिलती।
यहां के नगर परिषद कहते हैं, उन्होंने अभियान चलाया था जिससे आवारा पशुओं को गौशाला में छोड़ा जाए। इसके तहत दो से तीन हज़ार की संख्या में पशुओं को गौशाला में छोड़ा भी गया था। आगे बताया, उनके नगर परिषद में तीन गौशाला है जिसमें एक नंदी शाला है जिसमें तकरीबन 5 हज़ार की संख्या में पशु हैं।
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