एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतम बुद्ध नगर में प्रस्तावित ज्वार हवाई अड्डे के भूमि अधिग्रहण के लिए 1,260 करोड़ रुपये के एक फंड को मंजूरी दे दी है।
उस दस्तावेज़ में कहा गया है कि एयरपोर्ट निर्माण के पहले चरण में अधिग्रहण के लिए जारी राशि को भूमि अधिग्रहण और संबंधित किसानों को भुगतान के लिए खर्च किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के लिए कुल 5,000 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है जिस पर 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये तक खर्च किए जाएँगे।
हवाई अड्डे के पहले चरण के लिए- और दूसरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए – 1,334 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। छह गांवों (रोही, दयानतपुर, पारोही, किशोरपुर, रणहेरा और बनवारीवा) से 1,239 हेक्टेयर की भूमि ली जाएगी।
विशेष सचिव सूर्य पाल गंगवार ने राज्य नागर विमानन मंत्रालय के निदेशक को लिखे एक पत्र में लिखा है कि, “गवर्नर ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में ज्वार हवाई अड्डे के भूमि अधिग्रहण के लिए 1259 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है”।
14 नवंबर को परियोजना की प्रगति पर चर्चा के लिए लखनऊ में आयोजित एक बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लिमिटेड के अधिकारियों और गौतमबुद्ध नगर प्रशासन को हवाई अड्डे पर जल्द से काम ख़तम करने का निर्देश दिया है।
30 अक्टूबर को, राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 में निष्पक्ष मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार की धारा 11(1) के तहत जिले में ग्रीनफील्ड परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की है।
जिला प्रशासन ने 17 अक्टूबर को अपनी कार्यवाही पूरी करते हुए ज्वार के छह गांवों से 1,239 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था।
किसानों समेत कुछ ज़मीनदार ने प्रारंभ में पुनर्वास नीति के अलावा अपर्याप्त मुआवजे की राशि और संबंधित लाभ जैसे विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए भूमि अधिग्रहण का विरोध किया था।
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद, एनसीआर में दूसरा प्रस्तावित हवाई अड्डा 2022-23 तक परिचालित होने की उम्मीद है।