30 सितम्बर २०१८ को महोबा में कानपूर से एक लड़की आई, अब आप सोचेंगे इसमें अजीब क्या हुआ कई लोग महोबा में आते हैं, लेकिन इस केस में लड़की को बुलाया गया था एक अपराधिक घटना को अंजाम देने।
कानपुर के एक ब्यूटी पार्लर में सफाई का काम करती थी ये लड़की, जहाँ उसकी मुलाकात संतोषी नाम की एक महिला से हुई। महिला ने लड़की से कहा कि यहां कितना कमा लेती हो, महोबा में वह उससे इससे ज्यादा रुपये में नौकरी दिला सकती है। और उससे महोबा आने का बुलावा दिया जाता है।
लड़की जब महोबा आई तो उससे लेने के लिए संतोषी अपनी महिला मित्र सविता के साथ आई।
लड़की जब संतोषी के घर गई तो वहां पर रग्घू, सुरेंद्र और आकाश नाम के युवक थे।
संतोषी के जाने के बाद किसी काम से सविता भी चली गई फिर लड़की के अनुसार लड़कों ने उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया। केस अक्टूबर 2018 में महोबा कोतवाली में आया और फिर कारवाई हुई।
लेकिन ये मामला यहीं तक नहीं था , लड़की ने कुछ महीनों बाद आरोप लगाया कि मुकदमा के जांचकर्ता दरोगा के.पी. सिंह ने आरोपियों के साथ मिलकर मेरे साथ जबरदस्ती की, कपड़े उतारे और अश्लील हरकतें की। साथ ही ये बात खोलें पर बुरे अंजाम होने की बात भी कही।
लड़की के आनुसार दरोगा ने जैसा कहा वैसे हमने कोर्ट में बयान देते रहे, क्यों कि दरोगा हर रोज लड़की के साथ गलत काम करता था और धमकी देता था। इसके बाद लड़की अपनी माँ के साथ अपने गाँव चले गए। वहां पर हमारी इतनी बदनामी हो गयी थी कि कोई लड़की से बात नही कर रहा था। इसलिए हम फिर से कानपुर चले गए थे।
इस केस पर महोबा की पुलिस ने कोई ठोस कार्यवाही नही की। जिसके चलते आरोपियों ने दुबारा से उसको कानपुर से अपहरण कर लिया, और छतरपुर ले गए, दुष्कर्म किया और सिगरेट से हाथ जलाए, किसी तरह लड़की झांसी पहुँची और वहाँ के डीआईजी से न्याय की गुहार लगाई। झांसी की पुलिस पीड़िता को महोबा छोड़ गई, जिससे अपराधियों पर कार्यवाही कर, न्याय मिल सके।
पर यहां की पुलिस करवाई करने की जगह लड़की को ही परेशान कर रही है। लड़की को देखकर गंदे गंदे कॉमेंट किये जाते है। यहां के सारे पुलिस वाले बुरी नजर से देखते है। कहते है आज केपी सिंह दरोगा के ऊपर आरोप लगाया है, कल हमारे ऊपर भी आरोप लगायेगी। खाना न लेने आया करो, महिला थाना में ही भेज दिया करेंगे। कह रही है कि कानपुर या झांसी में जाकर मुकदमा लिखाओ, दरोगा पर झूठा आरोप लगा रही हो।
ये केस पुलिस की फाइलों में धुल खा रहा है, इस केस में दो लोगो रग्घू और संतोषी की गिरफ़्तारी हुई हैं जबकि सुरेंद्र, आकाश और सविता अभी आजाद घूम रहे हैं, महोबा पुलिस का कहना हैं कि ये लोग यहाँ के नहीं हैं, जवाब अजीब हैं पर।