खबर लहरिया Blog Mahakumbh 2025: महाकुंभ में जनजातीय सांस्कृतिक समागम की शुरुआत, 6 फरवरी से 10 फरवरी तक आयोजन

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में जनजातीय सांस्कृतिक समागम की शुरुआत, 6 फरवरी से 10 फरवरी तक आयोजन

प्रयागराज के महाकुंभ में जनजातीय सांस्कृतिक समागम का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन आज 6 फरवरी 2025 से 10 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम (ABVKA) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस आयोजन में लगभग 15000 से अधिक आदिवासी भाग लेंगे।

महाकुम्भ की तस्वीर (फोटो साभार: टाइम्स ऑफ़ इंडिया)

महाकुम्भ में इस बार देशभर से आए आदिवासी और जनजातीय समाज की संस्कृति आपको देखने को मिलेगी। इस आयोजन के दौरान जनजातीय समुदाय के प्रतियोगी कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेंगे जैसे – संगीत, नृत्य और स्नान आदि। हिंदुस्तान न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक रांची रेलवे स्टेशन से केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने 1500 जनजातीय यात्रियों को इस आयोजन में शामिल होने के लिए रवाना किया। इसके साथ ही उन्होंने यात्रियों पर फूलों की वर्षा भी की। उन्होंने यात्रियों को शुभकामनाएं दी।

बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन

द इम्प्रेसिव टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस महाकुम्भ में यह आयोजन बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है और इस वर्ष 2025 को जनजातीय गौरव वर्ष घोषित किया गया है।

बिरसा मुंडा कौन है?

बिरसा मुंडा आदिवासी जनजातीय समुदाय के लिए लोक नायक है। उन्होंने इस समुदाय के लिए उनके अधिकारों के लिए लड़ाई की थी।

जनजातीय सांस्कृतिक समागम कार्यक्रम का उद्देश्य

इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशभर के आदिवासी समुदायों की परम्परा और संस्कृति को लोगों तक पहुंचना है। इसके साथ ही अपनी संस्कृति को संरक्षित करना है। जनजातीय समुदाय के जीवन में उनके इतिहास, परंपराओं और योगदान का उत्सव मानना है।

जनजातीय सांस्कृतिक समागम में कार्यक्रम

युवा कुंभ – 6 और 7 फरवरी
जनजातीय भव्य जुलूस और पारंपरिक नृत्य – 7 फरवरी 2025
पारंपरिक वस्त्र पहनकर गंगा में स्नान – 7 फरवरी 2025
सांस्कृतिक कार्यक्रम – 7 से 9 फरवरी तक
संत सम्मेलन – 10 फरवरी 2025 (इस दिन आदिवासी समुदायों से जुड़े वरिष्ठ नेता, रीति-रिवाजों, संस्कृति, आस्था और परंपराओं पर अपने विचार प्रकट करेंगे।

 

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