इजराइल हमले के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका की इसमें कोई भूमिका नहीं है।
आज सुबह शुक्रवार 13 जून 2025 इजराइल के हमले के कुछ घंटों बाद अब ईरान ने 100 ड्रोन से हमले किए। इसकी जानकारी इजराइल के मुख्य सेना प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने दी। इससे पहले सुबह इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों (nuclear sites) पर हमला किया था।
इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हमले को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ का नाम दिया गया है। इस हमले में कम से कम छह परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में मिसाइल और ड्रोन से हमले किए थे। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक जरूरत होगी।
अमेरिका ने इजराइल को दी चेतवानी
इजराइल हमले के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका की इसमें कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने इजराइल को चेतवानी दी कि अमेरिकी नागरिकों और अमेरिकी पर हमले न करें।
एनडीटीवी की 13 जून 2025 की रिपोर्ट में गुरवार 12 जून को अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से व्हाइट हाउस में मीडिया के संवाददाताओं ने पूछा कि क्या इजरायली हमला होने की आशंका है, तो उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कहना चाहता कि यह आसान है लेकिन ऐसा लगता है कि यह बहुत संभव है।”
इजराइल के हमले में मौत
मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि इजरायली हमलों में ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी और ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी सहित कई सैन्य कमांडर मारे गए।
इस हमले में छह परमाणु वैज्ञानिक अब्दोलहामिद मिनोचेहर, अहमदरेज़ा ज़ोलफ़ागारी, अमीरहोसैन फ़ेक़ी, मोतालेब्लिज़ादेह, मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फ़ेरेयदौन अब्बासी इजरायल के हमले में मौत हो गई।
इजराइल के हमले करने की वजह
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव हमले की वजह बताई जा रही है जोकि परमणु (nuclear) कार्यक्रम है। इसे रोकने के लिए यह हमला किया गया। कथित तौर पर ईरान लम्बे समय से अपनी परमाणु शक्ति को मजबूत करने में लगा है जिससे आगे जाकर वह इजराइल के लिए खतरा बन सकता है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि “इजरायल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को खत्म करने के लिए एक लक्षित सैन्य अभियान था।”
सीएनएन न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की राजधानी शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु के व्यापर को विकसित करने में निपुणता हासिल करना चाहती है लेकिन दूसरे देशों (जिसमें इजराइल भी शमिल है) ने कहा कि वह परमाणु हथियार विकसित करना चाहता है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) काफी लंबे समय से ईरान पर अपने परमाणु क्षमता को बढ़ाने का उल्लंघन करने का आरोप लगाती रही है।
हमले पर भारत की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का भी इस बयान आया कि “भारत दोनों पक्षों से आग्रह करता है कि वे तनाव बढ़ाने वाली किसी भी गतिविधि से परहेज करें। स्थिति को सामान्य करने और मूल मुद्दों के समाधान के लिए मौजूदा संवाद माध्यमों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।”
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