संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि नाकेबंदी के बाद केरेम शालोम क्रॉसिंग के फिलिस्तीनी पक्ष तक सहायता ट्रकों के सीमा पार जाने के बावजूद अभी तक गाजा में कोई सहायता नहीं की गई है।
लेखन – सुचित्रा
इजरायल के लगातार हमले और भूखमरी की स्थिति पैदा करने के बाद गाजा में हालात और भी बदतर हो गए हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने चेतवानी दी कि यदि गाजा में 48 घंटों के भीतर मदद नहीं पहुंचायी जाती तो 14,000 बच्चों की जान जा सकती है। गाजा के अधिकारियों का कहना है कि भूखमरी के कारण 2 मार्च से अब तक कम से कम 326 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इज़रायली अधिकारियों द्वारा गाजा में 11 हफ़्तों से पूरी तरह नाकाबंदी कर रखी थी। 11 हफ़्तों के बाद अमेरिका, कनाडा, फ़्रांस और यूनाइटेड किंगडम सहित सहयोगियों के दबाव के बाद इज़रायली अधिकारी फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में सहायता पहुँचने दे रहे हैं।
इजरायल हमले में 52 लोगों की मौत
अल जज़ीरा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आज 21 मई 2025 को इजराइली सेना ने फिर से गाजा पर बमबारी की जिसमें सुबह से अब तक कम से कम 52 लोग मारे जाने की खबर है।
बिजली जनरेटरों को निशाना बनाने का लगाया आरोप
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायल ने गाजा के अस्पतालों को बंद करने के लिए जानबूझकर बिजली जनरेटरों को निशाना बनाया है।
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गाजा में अब तक नहीं पहुंची सहायता
बीबीसी न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि नाकेबंदी के बाद केरेम शालोम क्रॉसिंग के फिलिस्तीनी पक्ष तक सहायता ट्रकों के सीमा पार जाने के बावजूद अभी तक गाजा में कोई सहायता नहीं की गई है।
इज़रायली अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को 93 ट्रक गाजा में प्रवेश कर गए, जिनमें आटा, शिशु संबधित आहार, चिकित्सा उपकरण और दवाइयां शामिल थीं।
अल जज़ीरा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि फिलिस्तीनी चिकित्सकों के अनुसार, रात में आधे घंटे के दौरान गाजा पट्टी पर इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 38 फिलिस्तीनी की मौत हो गई।
हाल ही में इजरायली लड़ाकू विमानों ने कई स्थानों पर हमला किया था। इस हमले में पूर्वी गाजा शहर में एक स्कूल, और मध्य गाजा के नुसेरात शरणार्थी शिविर में विस्थापित परिवारों को आश्रय देने वाले एक ईंधन स्टेशन को निशाना बनाया गया था।
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