खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट क्या आरोपियों को बचा रही पुलिस? देखिए जासूस या जर्नलिस्ट में

क्या आरोपियों को बचा रही पुलिस? देखिए जासूस या जर्नलिस्ट में

क्या आरोपियों को बचा रही पुलिस? देखिए जासूस या जर्नलिस्ट में : लॉकडाउन ने तो मानो कुछ लोगो ज़िन्दगी ही बदल दी है।आरोपियों  की हो ,पीड़ित की हो या पुलिस की, जी हां आप सोच रहे होंगे वो कैसे तो उसको जानने के लिए पहले आपको हमारा चैनल सब्सक्राइब करना है। तो दोस्तो पूरा वीडियो देखने के लिए बने रहिये मेरे साथ जासूस या जर्नालिस्ट पर

दोस्तो मामला महोबा जिले के कोतवाली क्षेत्र का है। यहां के एक गाँव की लड़की के अनुसार 23 फरवरी को गाँव के 3 लोगो ने घर मे घुस कर उसके साथ पहले छेड़छाड़ की है। शोर मचाने पर उसको जहर खिला दिया। डॉक्टरी रिपोर्ट के अनुसार बाद में रेप किया।

पीड़ित लड़की के पिता ने बताया कि घर मे कोई नही था। तभी ये तीनो लड़के आये और आरोपियों  ने हमारी लड़की को जहर खिला दिया फिर गलत काम किया। इसकी सूचना हमे हमारे लड़के ने फोन से दी। जब हम घर पहुँचे तो लड़की बेहोशी की हालत में मिली। मुँह से थूक निकल रहा था। हम जल्दी से महोबा जिला अस्पताल ले गये। हालात गम्भीर होने पर डॉक्टर ने झाँसी रेफ़र कर दिया। वहां पर 3 दिन के बाद लड़की को होश आया। तब हमें सारी जानकारी हुई। हमने वापस महोबा कोतवाली में 3 लोगो के खिलाफ रिपोर्ट भी की, पुलिस ने लड़की का मेडिकल करा कर मुकदमा तो लिख लिया पर एक ब्यक्ति के खिलाफ। बाकी दो लोगो को निर्दोष बता कर छोड़ दिया है। जब कि उन आरोपियों ने कोतवाल के सामने अपना जुर्म कुबूल किया था, की जब घटना हुई थी तब वो लोग मौके पर मौजूद थे।

जब हमने इस केस को लेकर और लोगो से गोपनीय तरीके से बात की तो पता चला की वह लड़के कई दिनों से लड़की को परेशान कर रहे थे। पर उसने किसी को बताया नही। उस दिन मोहल्ले में शादी थी तो उन लोगो ने घर सुना पाकर भीतर घुस गए। लड़की को उठाकर बाहर खेत मे लेगये, वहां पर लड़की के साथ तीनो लोगो ने रेप किया है, खुलासा न हो इसके लिए लड़की को जहर खिला दिया। और वहा से सब फरार हो गए, जिससे लड़की मर जाए। वो तो लड़की की किस्मत अच्छी थी कि कोई किसान वहाँ से निकल पड़ा और लड़की को देख लिया। उन लोगो ने यह कोई पहला केस नही किया है, दबी जुबान से लोग बोल रहे थे कि एक बार और एक घर मे घुसे थे और लड़की के साथ छेड़छाड़ किया था। पर लोगो ने लड़की की बेइज्जती की डर से कोई केस नही किया। गांव में ही पंचायत के द्वारा समझौता कर दिया था। जिसमे 50 हजार का जुर्माना लगाया गया था। इनकी पहचान सिद्धगोपाल साहू से है जो सपा का मंत्री था। इसलिए उनके ऊपर पुलिस भी कोई कार्यवाही नहीं करती है।

पीड़ित लड़की ने रोकर कर कहा कि उसकी माँ बचपन मे ही गुजर गई थी। वह अकेले ही घर पर रहती है। दो लोग गाँव में खुले आम घूम रहे है। हमे डर है कही दुबारा न हमारे साथ कोई घटना घट जाए। पुलिस हमे अक्सर कोतवाली में बुलाती है। पुलिस वाले भी देखकर हँसते है और गाँव के लोग भी हँसते है। इसलिए हम घर के बाहर भी नही निकलते है।

अब सवाल ये उठ रहा है कि आख़िर पुलिस सब जानते हुए भी अनजान क्यों है।

कोर्ट के आदेश है कि पीड़ित से अगर कोई जानकारी चाहिए तो पुलिस घर जाकर लेगी, लड़की को पुलिस स्टेशन नही बुलाया जाएगा तो पुलिस क्यों उन नियमो का पालन नही कर रही है।

आख़िर पुलिस दो आरोपियों को क्यों छोड़ रही है, क्या कारण है? पैसे का लेनदेन या कोई दबाव।

कही ऐसा तो नही की पुलिस की इसी लापरवाही के कारण आज महिला हिंसा का शिकार हो रही है।

क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय, अपराधी जाएंगे जेल।
या होगी कोई दूसरी महिला हिंसा का शिकार।

तो दोस्तो ये थी हमारी आज की जासूसी भारी कहानी, आपको पुलिस की कार्य शैली को लेकर क्या सवाल है। हमें कॉमेंट बॉक्स पर जरूर बताएं। तो अभी के लिए इतना ही अगले एपिसोड में हम फिर मिलते है एक नए केस के साथ तो दीजिये मुझे इजाजत नमस्कार।