नमस्कार दोस्तों मैं हूं सुनीता प्रजापति लेकर आई हूं अपना शो जासूस याद जर्नलिस्ट। दोस्तों ये रूढ़िवादी सोच, जाति भेदभाव की बात करें तो वह आज भी बरक़रार है। यह भेदभाव लोगो के दिल न सिर्फ नफ़रत भर्ती है बल्कि भेदभाव की वजह से लोगों की जाने भी जा रही हैं। तो ऐसे ही केस लेकर आज मैं आई हूं आपके साथ।
जिसमे अंतरजातीय प्रेम होने के कारण फाँसी लगा कर जान दे दी है। तो पूरा वीडियो देखने के लिए बने रहिए मेरे साथ जासूस या जर्नालिस्ट। हाँ तो हम बात कर रहे थे रूढ़िवादी सोच भेदभाव की बुंदेलखंड के चित्रकूट जिला में पर अलग अलग गाँव मे 13 जुलाई से 18 जुलाई के बीच यानी 1 हफ्ते के अंदर अंतरजातीय प्रेम होने के कारण दो प्रेमी जोड़े ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। हालांकि दोनों परिवारों में दुखी का माहौल बना हुआ है।
पुलिस को इसकी सूचना मिली, पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब आगे की जाँच कर कार्यवाही करने की बात कर रही है। दोस्तो मामला चित्रकूट जिले के छिपनी गाँव का है, जहाँ पर 13 जुलाई को एक लड़के ने एक लड़की का गला काट कर हत्या कर और खुद फाँसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया था। इस पूरी घटना से गाँव मे दहशत का माहौल है, पुलिस ने मृतक लड़के के पास से सुसाइट नोट भी बरामद किया है।
सुसाइट नोट के कारण लोग इस घटना को प्रेम प्रसंग का कारण बता रहे है। पर जब हमने हकीकत में गोपनीय लोगो की बात की तो पता चला कि इसमे अंतरजातीय प्रेम होने के कारण इस प्रेमी जोड़े की जान गई है। क्योंकि लड़की अनुरागी जाति की थी और लड़का अहिरवार था। दोनों साथ जीना चाहते थे, पर परिवार वालो की सहमति न होने के कारण दोनों एक साथ मर गए।
ऐसा की शिवरामपुर चौकी क्षेत्र का एक और मामला सामने आया है। जिसमे एक शोभा नाम की लड़की ने 16 जुलाई को जहर खा लिया था, इलाज के समय लड़की की मौत हो गई। इस घटना की खबर सुनते ही 17 जुलाई को मोहित नाम कर लड़के ने फांसी लगाकर जान देदी। पुलिस के अनुसार यह घटना भी प्रेम प्रसंग का बताई जा रहा है।
जब हमने इन दोनों मामले को लेकर अलग अलग गोपनीय तरीके से लोगो से बात की और हकीकत जानने की कोशिश की तो कुछ और ही पता चला। लोगो ने गोपनीय तरीक़े से बताया की यह कोई पहला केस नही है, पिछड़ापन और रूढ़िवादी सोच के कारण अक्सर ऐसे केस होते है। और पुलिस भी कोई ठोस कदम नही उठाती है।
कोई भी लड़का लड़की प्यार करें यह समाज को गवारा नही है। लोगो ने यह भी कहा को दोनों एक ही गाव के रहने थे है। आमने सामने घर भी है। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे, मृतक शोभा कुशवाहा जाति की थी और मृतक लड़का मोहित ब्राम्हण जाति का था। अलग अलग जाति होने के कारण दोनों परिवार वाले शादी करने के लिए तैयार नहीं थे।
लोगो को लगता था कि लड़की छोटी जाति की है और लड़का उच्च जाति का है। दोनों की शादी कैसे होगी। अगर शादी हो जाएगी तो लड़की इसी गाँव मे रहेगी। कई बार लोग लड़की वालों को भलाबुरा कहते है। उन्हें जाति से निकाल दिया जाता है। या परिवार में शामिल नही होने देते है। इसलिए लड़की वाले शादी करने के लिए तैयार नहीं थे।
लोग दबी जुमान से यह भी कह रहे थे कि हो सकता है लड़की के परिवार वालो पर किसी तरह का दबाव रहा हो इसलिए परेशान होकर लड़की ने जहर खा लिया, या परिवार वालो ने खिला दिया। जिससे न रहेगी बांस न बजेगी बांसुरी, मतलब न रहेगी लड़की और न ही ये सब विवाद होगा। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि आख़िर हमारे देश मे कब तक रूढ़िवादी जाति भेदभाव के कारण लोगो की जान जाति रहेंगी। एक हफ्ते के अंदर 4 लोगो की मौत सिर्फ जाति भेदभाव से गई है, या कोई और मामला है।
जब हमारे कानून और संविधान में भी सबको बराबरी और अपने मनपसंद साथी चुनने का हक दिया है तो विरोध करने वाला ये समाज कौन होता है?इन मामलों को लेकर हमने चित्रकूट जिले के आलाधिकारियों से बात की तो उन्होंने हमसे ही सवाल पूछना शुरू कर दिए। आख़िर हम कार्यवाही किस पर करें, चारो लोग तो खत्म हो गए है। इसलिए पुलिस का जो काम था वो पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम करवा दिया है।
सवाल ये उठ रहा है कि क्या प्रेम करने वाले ही अपराधी होते है। विरोध करने वाले कोई नही। क्या दोनों परिवार के माता पिता शादी के लिए तैयार हो जाते तो शायद ये जाने बच जाती। पुलिस का ये सवाल रूढ़ीवाद सोच को और बढ़ावा देने का काम कर रही है। इन मौत का जिम्मेदार कौन?कानून या रूढ़िवादी सत्तावादी सोच?