हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर 2025 को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।वहीं इसी बीच 14 अक्टूबर 2025 को रोहतक साइबर सेल में तैनात एएसआई ने सुसाइड कर लिया और खुद को गोली मार ली।
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर 2025 को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पूरन ने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित और परेशान करने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। वहीं इसी बीच 14 अक्टूबर 2025 को रोहतक साइबर सेल में तैनात एएसआई ने सुसाइड कर लिया और खुद को गोली मार ली। एएसआई ने सुसाइड से पहले एक वीडियो बनाया था। जिसमें उसने पूरन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे दोनो केस एक दूसरे से जुड़े हैं।
आईपीएस वाई पूरन कुमार आत्महत्या केस
बीते 7 अक्टूबर 2025 को हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार ने आत्महत्या कर थी। आठ पेज के सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ IPS और IAS पर उत्पीड़न के आरोप लगाए। इसमें जातीय भेदभाव और ट्रांसफर विवाद भी सामने आया। पूरन कुमार के आत्महत्या करने के बाद उनके परिवार से मिलने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी पहुंचे। उनके पहुंचने के तुरंत बाद डीजीपी और रोहतक के एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं फिर इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई और अलग-अलग दलों के नेता पूरन के परिवार से मिलने पहुंचने लगे। इसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी शामिल हैं। राहुल ने पूरन की पत्नी और बेटियों से मुलाक़ात की और उसके बाद सरकार पर निशाना साधा।
कल ही राहुल गांधी ने कहा “IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार जी की आत्महत्या हमारे समाज और सिस्टम की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है। दिन बीते जा रहे हैं मगर अब भी कोई भी गिरफ़्तारी नहीं, यह साफ अन्याय है। इससे पीड़ादायक क्या हो सकता है कि वाई. पूरन कुमार जी की पत्नी एक सप्ताह से अपने पति का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने का इंतेज़ार कर रही हैं। वह उनके बच्चे और उनका दर्द महसूस कर पा रहा पूरा दलित समाज जिस मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं, इसकी कल्पना से ही मन विचलित हो रहा है। लेकिन कितने पत्थरदिल हैं दिल्ली से हरियाणा सरकार चलाने वाले नरेंद्र मोदी जिनका दिल नहीं पसीज रहा क्योंकि उनके शासन में ही ये नृशंस ज़ुल्म चल रहा। दिन बीते जा रहे हैं मगर अब भी कोई गिरफ्तारी नहीं – यह साफ़ अन्याय है। प्रधानमंत्री और हरियाणा मुख्यमंत्री तुरंत कार्रवाई करें, दोषियों को सज़ा दें और इस दलित परिवार को न्याय और सम्मान दिलाएं।”
IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार जी की आत्महत्या हमारे समाज और सिस्टम की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है।
इससे पीड़ादायक क्या हो सकता है कि वाई. पूरन कुमार जी की पत्नी एक सप्ताह से अपने पति का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने का इंतेज़ार कर रही हैं। वह, उनके बच्चे और उनका दर्द…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 14, 2025
हरियाणा के सीनियर IPS वाई. पूरन कुमार के सुसाइड के नौवें दिन चंडीगढ़ PGI में उनका पोस्टमॉर्टम हुआ। सुबह 9:40 बजे परिवार की तरफ से डेडबॉडी की शिनाख्त के बाद मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू की।
अब हरियाणा में सुसाइड का दूसरा मामला जहां IAS ने खूद को गोली मारी
इसी मामले से जुड़े एक और मामला सामने आया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत के मामले में एक और चौंकाने वाला मोड़ आया है। रोहतक में साइबर सेल में तैनात हरियाणा के एक पुलिसकर्मी ने 14 अक्टूबर 2025 को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने पीछे तीन पन्नों का एक नोट और एक वीडियो संदेश छोड़ा है जिसमें उन्होंने दिवंगत आईपीएस अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) संदीप कुमार का शव रोहतक-पानीपत मार्ग पर एक ट्यूबवेल के पास मिला। पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया है और अधिकारी द्वारा आत्महत्या से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश की जांच कर रही है। रोहतक-साइबर सेल में तैनात एएसआई ने पांच पेज के सुसाइड नोट आईपीएस पूरन कुमार पर कई आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी बनाया है। उन्होंने आईपीएस वाई पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए डीजीपी को ईमानदार बताया है। उन्होंने नोट में पूरन कुमार को भ्रष्टाचारी बताया और लिखा कि पूरन कुमार ने गिरफ्तारी के डर से सुसाइड किया है। उन्होंने लिखा कि मैं अपनी शहादत देकर जांच की मांग कर रहा हूं। इस भ्रष्टाचार परिवार को छोड़ा नहीं जाए।
सुसाइड नोट में लिखा –
उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मैं संदीप कुमार पुत्र दयानंद, गांव जुलाना जींद से हूं। मैंने अपनी जिंदगी में सच्चाई का साथ दिया है। उन्होंने लिखा कि मैंने सच्चे और ईमानदार लोग पसंद है। मेरे दादा और छोटे दादाजी सेना में रहे और वे देश के लिए लड़े। मेरी रगों में देशभक्ति है। उन्होंने लिखा कि देश और समाज से बड़ा कोई नहीं होता। संदीप ने अपने सुसाइड नोट में आईपीएस पूरन कुमार को भ्रष्टाचारी बताया और डीजीपी शत्रुजीत कपूर को ईमानदार और निडर व्यक्ति बताया है। नोट में लिखा था “वाई पूरन कुमार एक भ्रष्ट अधिकारी थे। उनके खिलाफ कई सबूत हैं।” एएसआई ने यह भी लिखा कि उन्हें चल रही जांच के सिलसिले में गिरफ्तारी का डर था और वे मरने से पहले “भ्रष्ट व्यवस्था” का पर्दाफाश करना चाहते थे। नोट में लिखा था “मैं निष्पक्ष जांच की मांग के लिए अपनी जान दे रहा हूं। इस भ्रष्ट परिवार को बख्शा नहीं जाना चाहिए।” उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कुमार ने खुद को जवाबदेही से बचाने के लिए “जातिगत राजनीति का इस्तेमाल करके व्यवस्था को हाईजैक कर लिया है।”
भ्रष्टाचार का आरोप
एएसआई संदीप ने आईपीएस वाई पूरन कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सुसाइड से पहले बनाए गए वीडियो में एएसआई ने कहा है कि वाई पूरन भ्रष्टाचारी अफसर उनके खिलाफ बहुत से सबूत मौजूद हैं। उन्होंने गिरफ्तारी के डर से सुसाइड किया। उन्होंने जातिवाद का सहारा लेकर सिस्टम को हाईजैक किया। मैं अपनी शहादत देकर जांच की मांग कर रहा हूं। इस भ्रष्टाचारी परिवार को छोड़ा नहीं जाए एएसआई के आरोपों से हरियाणा पुलिस पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
ASI संदीप कुमार लाठर का शव लाढ़ौत में मामा के घर पर ही रखा हुआ है। मंगलवार रात तक पुलिस और प्रशासन के बीच पोस्टमार्टम को लेकर सहमति नहीं बनी। साथ ही परिजनों की तरफ से अभी पुलिस को लिखित में शिकायत भी नहीं दी गई है। बुधवार को परिजन और खाप व ग्रामीण एक मीटिंग करेंगे। इसके बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा।
राजनीतिक और सामाजिक स्तर
इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर काफ़ी ध्यान आकर्षित किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस मौत को “बेहद दुखद घटना” बताया और पूरी जाँच का आश्वासन देते हुए कहा, “दोषी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।” मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने आईजी पुष्पेंद्र कुमार के नेतृत्व में छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एएसआई द्वारा लगाए गए नए आरोपों से कुमार की मौत के मामले में चल रही जांच और जटिल हो सकती है। रोहतक के पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भोरिया ने संदीप कुमार को “पुलिस विभाग का एक मेहनती एएसआई” बताया। भोरिया ने कहा, “वह बहुत ईमानदार और मेहनती थे। उनका शव मिल गया है। फोरेंसिक टीम को यहाँ बुलाया गया है और जाँच की जा रही है।”
आरोपों की जांच कर रही है पुलिस
पुलिस का कहना है कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। दोनों केसों का एक दूसरे से संबंध है या नहीं इसकी जांच करवा रहे हैं। दोनों ही मामलों को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। जांच के बाद ही एक्शन लिया जाएगा।
हरियाणा में एक ही हफ्ते में दो पुलिस अधिकारियों की आत्महत्या केवल व्यक्तिगत त्रासदी नहीं बल्कि एक ऐसे संस्थान की तस्वीर पेश करती है जो भीतर से बुरी तरह खंडित होता दिखाई दे रहा है। एक ओर वाई पूरन कुमार जिन्होंने जातीय भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ अफसरों के नाम लिए और दूसरी ओर एएसआई संदीप जिनका दावा है कि पूरन कुमार खुद भ्रष्ट थे और जातिवाद का इस्तेमाल कर रहे थे। दोनों ही अधिकारियों ने अपनी-अपनी आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट और वीडियो बयान छोड़े हैं जिससे यह मामला अब एक जटिल और परस्पर विरोधाभासी विवाद बन गया है। अब यह केवल एक आत्महत्या की घटना नहीं रही यह एक सिस्टम बनाम सिस्टम या कहें तो सत्य बनाम दूसरा सत्य की लड़ाई का रूप ले चुकी है। फिलहाल सच का पलड़ा किस ओर झुका है ये कहना जल्दबाज़ी होगी।हरियाणा पुलिस का यह मामला अब सिर्फ एक विभागीय जांच का विषय नहीं बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और जातीय विमर्श का हिस्सा बन चुका है। और यही बात इसे और भी गंभीर और संवेदनशील बना देती है।
इस मामले पर आगे जो भी नई खबर या जानकारी आएगी उसे अपडेट कर दिया जाएगा।
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