झांसी मेडिकल कॉलेज का न्यूनीटल केयर यूनिट अपनी क्षमता से तीन गुना ज्यादा पर चल रहा था — यहां 18 के बजाय 49 बच्चे थे, और कभी-कभी यह संख्या 60 तक पहुंच जाती है। अस्पताल स्टाफ के अनुसार यह स्थिति अक्सर बनी रहती है। इसी हालत में यह अस्पताल था जब यहाँ आग लगी और 12 बच्चों की मौत हुई। खबर लहरिया ने झाँसी जाकर बच्चों की माओं से बात की और जाना उस रात को क्या हुआ था।
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