ऑनलाइन मौजूद रहने का मतलब महिलाओं के लिए क्या है? हमारे जेंडर्ड डिसइनफॉर्मेशन यानी की GD सीरीज़ की दूसरी कड़ी में चंबल मीडिया और एसोसिएशन फॉर प्रोग्रेसिव कम्युनिकेशन (APC) के साथ मिलकर हम शहरी और ग्रामीण भारत की महिलाओं की डिजिटल ज़िंदगियों पर बात कर रहे हैं। पाबंदियों और डर से लेकर सोशल मीडिया पर खुद को खुलकर व्यक्त करने तक, महिलायें बता रही हैं कि कैसे वे एक ऐसे इंटरनेट को नेविगेट करती हैं जो बराबरी का नहीं है, लेकिन फिर भी आवाज़ और ताक़त का मंच बन सकता है।
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