रविवार 22 मई को अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया जिसके बाद दुनिया के कई देशों में अमेरिका और ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
अमेरिका ने रविवार 22 मई 2025 को ईरान के परमाणु ठिकानें पर हमले किए थे।इन हमलों में ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज परमाणु स्थान को निशाना बना कर वहां हमला किया गया था।इसी हमलों के विरोध में न्यूयॉर्क में लोगों ने प्रदर्शन किया।इसी के साथ साथ दुनिया के कई देशों में भी इस हमले का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस दौरान लोगों ने ईरान संघर्ष के साथ ही गाजा में सैन्य अभियान के लिए भी इज़राइल की आलोचना की।
अमरीका के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले देश
न्यूयॉर्क
मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया
कनाडा
कोलकाता
कराची, पाकिस्तान
पेरिस,फ़्रांस
एथेंस, ग्रीस आदि
कुछ लोगों का ट्रंप को समर्थन
अमर उजाला के अनुसार सेवानिवृत्त वायु सेना के दिग्गज “केन स्लैबॉ” ने कहा कि वह ट्रंप के फ़ैसले और इसे अंजाम देने वाले सैन्यकर्मियों के समर्थक हैं। ईरान ने दशकों से अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के प्रति प्रतिरोध दिखाया है। यह समस्या ट्रंप को विरासत में मिली है। ईरान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है और न ही उसे परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति दी जा सकती है। न्यूयॉर्क की नैन्सी मायर ने कहा कि यह 40 साल पहले किया जाना चाहिए था।
50- राज्यों में विरोध प्रदर्शन
जी न्यूज़ के अनुसार युद्ध का विरोध करने वाले संगठनों ने अमेरिका के सभी 50 राज्यों में 50-50 विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया है।राष्ट्रपति ट्रंप का विरोध करने के लिए कुछ प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर पहुंचे और लोगों ने वहां ईरान के झंडे लहराए और ट्रंप के खिलाफ नारेबाजी की।
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