जिला महोबा ब्लॉक जैतपुर गांव लाडपुर के किसान अपने खेती में छिड़ते दवा किसान का कहना है की पहले 25 , 30 साल पहले स्वास्थ्य विभाग के तहत घरों में दवाइयां भी डाली जाती थी जैसे अब के जमाने में हम लोग अपने खेतों में दवाइयां खुद से डाल रहे हैं पहले हम लोग खुरपी से अपने खेतों की बुराई करते थे जिससे फसल की अच्छी होती थी और इतना हमारे खेतों में चारा नहीं रहता था जितना अब हो रहा है |
इसलिए हम लोगों को दवाइयां का सहारा लेना पड़ता है इस समय मजदूरी भी बहुत महंगी हो गए हैं कि हम लोग इसीलिए दवाई डाल रहे हैं मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं अगर दवाई नहीं डालते हैं तो खेतों में फसल नहीं होगी क्योंकि इतनी हो घास होता है इससे खेती का भी प्रभाव पड़ता है जो खेती बर्बाद होते हैं सब जानते हैं हमें दवाइयां इस लिए डालने पड़ते हैं इस साल 90 परसेंट या सौ परसेंट खेती बोई हुई है ऐसा कोई किसान नहीं है जो खेती में दवा नहीं डाल रहे हैं इस समय महोबा जिले में मूंग मूंगफली उद तिल्ली है |
पानी डालकर दवा का छिड़काव करते हैं जिससे हमारे खेतों में चारा है वह चारा खत्म हो जाए और फसल भी देखें वजह से डालते हैं कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है कि हम लोग पहले भी किसानों को बताते हैं कि बुवाई के पहले कई बार खेतों में जताई करें ताकि वह चारा ना रह जाए फिर अपना बीज डालें इस समय खरपतवार बहुत होता है खेतों में |