अगर अस्पताल में सही तरह से देखभाल नहीं की जा रही है या फिर आप अस्पताल नहीं जा सकते। ऐसे समय में घर पर रहते हुई कोविड से खुद को और अपने परिवार को किस तरह से सुरक्षित रख सकते हैं। यह आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
कोरोना से पूर्व खुद को सुरक्षित रखने के तरीके
– आप घर में ही ऑक्सीजन की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास पल्स ऑक्सीमीटर होना ज़रूरी है। सांस लेने में दिक्क्त होना या कम सांस आना कोरोना के लक्षण को दर्शाता है।
– खुद भी मास्क लगाए रखें और अपने परिवार में भी सबको लगाकर रखने को कहें।
– घर की खिड़कियों को खुली रखें।
– बाहर न जाएँ और अपने कमरे में ही रहे।
– हमेशा पानी पीते रहें। अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें।
– पेरासिटामोल लें।
ऑक्सीजन संतृप्ति > 92%
ऑक्सीजन संतृप्ति का अर्थ है, मानव के खून में उपयुक्त मात्रा में ऑक्सीजन का होना। जो की व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी होता है।
– बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल लें।
– पानी पीते रहें। हो सके तो चीनी और नमक का घोल बनाकर पीयें।
– अपने पेट के बल सोएं। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन के प्रकरण को बेहतर बनाता है।
-जब तक लक्षण का हल न हो। आप इंहेल्ड ब्युडिसोनाइड ले। यह आमतौर पर अस्थमा और कम सांस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे आप दिन में कम से कम दो बार लें।
ऑक्सीजन संतृप्ति < 92%
अगर घर में सतर्कता बरतते हुए भी कुछ नहीं ही हो रहा तो आप अस्पताल में डॉक्टरों की देख-रेख में रहें।
– डेक्सामीथासोन की 6 मिली ग्राम की गोली दस दिनों तक रोज़ ले। इसे लेने से जो व्यक्ति रेस्पिरेटरी सपोर्ट (श्वसन समर्थन) पर जी रहा है। यह उसकी मृत्यु की दर को कम करता है।आपको यह गोली मौखिक तौर पर लेनी होगी।
– अगर हो सके तो घर के वातावरण वाले ऑक्सीजन यंत्र का प्रयोग सांस लेने के लिए करें।
– शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की जांच करते रहे। अगर ऑक्सीजन की संतृप्ति <85% है तो जल्द से जल्द अस्पताल जाएं और अपना इलाज शुरू करवाएं।
– अपने पेट के बल सोएं।
– बुखार होने पर पेरासिटामोल और ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन) का घोल लें।
उपचार जो प्रभावी नहीं हैं – एज़िथ्रोमाइसिन, इवरमेक्टिन, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आद्य प्लाज्मा, विटामिन डी, जस्ता, लोपिनवीर-रटनवीर, डॉक्सीसाइक्लिन, फेविविरविर
रेमडेसवियर – यह लक्षणों की अवधि को छोटा कर सकता है। लेकिन मृत्यु दर को कम नहीं करता। यह सिर्फ कम ऑक्सीजन संतृप्ति वाले रोगियों के लिए हैं। वो भी डॉक्टर की सलाह के बाद। इससे सामान्य ऑक्सीजन संतृप्ति में कोई लाभ नहीं होगा यानी जिन्हे सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं है। यह उनके लिए असरदार नहीं है।
टोसीलीज़माब – यह एक वायरस रोधी इंजेक्शन होता है। जो कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर रोगियों को दिया जाता है जो आईसीयू में भर्ती होते हैं। यह इंजेक्शन उन्हें 24 से 48 के घंटों अंदर देनी होती है। जब संक्रमित व्यक्ति की हालत में कोई सुधार नहीं होता। इसका इस्तेमाल उन रोगियों के लिए नहीं किया जाता है। जिन्हें टीबी, कवकीय संक्रमण और जीवाणु संक्रमण होता है।
स्रोत: डॉ. ज़ेन चागला और डॉ. कृतिका कुप्पल्ली, संक्रामक रोग चिकित्सक