रेलवे ने एक नया नियम लागू किया है। अब से यात्रियों की बैग की जांच होगी जिस तरह एयरपोर्ट पर किया जाता है। तय किए गए वजन से ज़्यादा सामान ले जाने पर जुर्माना देना पड़ेगा। इस पर अखिलेश यादव ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया।
अगर किसी को ज़्यादा सामान के साथ रेल (ट्रेन) में सफर करने की आदत है तो अब उन्हें ये ध्यान रखने की जरुरत है कि अब से आप रेल में ज़्यादा सामान लेकर यात्रा नहीं कर सकते हैं। बता दें भारतीय रेलवे द्वारा एक नया नियम लागू किया गया है। अब एयरपोर्ट की तरह नियम रेलवे में भी लागू होंगे। अब रेल में तय किए गए वजन के हिसाब (Train Luggage Limit 2025) से ज्यादा सामान ले जाने पर जुर्माना देना पड़ेगा या फिर उसे पार्सल की तरह बुक कराना होगा। वहीं बिना बुकिंग वालों को पेनाल्टी भी भरना पड़ सकता है।
इस नियम का उद्देश्य कोच के अंदर यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करना और यात्रा को अधिक आरामदायक बनाना है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कई बार यात्री बहुत ज्यादा अपने साथ सामान ले जाते हैं, जिससे कोच में बैठने और चलने में दिक्कत पेश आती है। उन्होंने अतिरिक्त सामान को सुरक्षा जोखिम करार दिया है। अब ये जानते हैं कि कितना सामान मुफ्त ले जाने की छूट मिलेगी और किन स्टेशनों से यह नियम लागू होगा…..
किन स्टेशनों से होगी शुरुआत
भारतीय रेलवे ने इस नियम की शुरुआत उत्तर प्रदेश के लखनऊ और प्रयागराज मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से करने का फैसला किया गया है। इसमें जिन रेलवे स्टेशनों को चिन्हित किया गया है वो प्रयागराज, मिर्जापुर, कानपुर और अलीगढ़ जंक्शन हैं। इसके अलावा लखनऊ चारबाग, बनारस, प्रयागराज छिवकी, सूबेदारगंज, मिर्जापुर, टूंडला, अलीगढ़, गोविंदपुरी और इटावा भी लिस्ट में शामिल हैं।
सामान ले जाने का नियम
अब से यात्रियों को स्टेशनों पर बैग और बाकी अन्य सामान का वजन और साइज दोनों तय सीमा में रखने होंगे।
भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए सामान ले जाने की सीमा तय की है जिसमें फर्स्ट एसी में 70 किलोग्राम सामान, सेकेंड एसी में 50 किलोग्राम सामान, थर्ड एसी में 40 किलोग्राम सामान, स्लीपर क्लास में 40 किलोग्राम सामान और जनरल डिब्बे में 35 किलोग्राम सामान ले जाया जा सकेगा। अगर कोई यात्री इससे ज़्यादा सामान लेकर चलता है तो उसे अतिरिक्त किराया देना होगा। यदि बिना बुकिंग के ज़्यादा सामान पकड़ा गया तो उस पर सामान के सामान्य किराए से छह गुना तक जुर्माना लिया जाएगा। रेलवे का कहना है कि अगर यात्री को तय सीमा से ज़्यादा सामान ले जाना है तो वह पहले से बुकिंग कराकर उसका किराया भर सकता है।
इस मुद्दे पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट में पोस्ट कर लिखा है कि रेल में यात्रियों के सामान को तोलने के नाम पर भ्रष्टाचार का एक और अध्याय खोला जा रहा है। ये फ़ैसला ग़रीबों के ख़िलाफ़ है, जो AC-1 में जा रहा है, उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है लेकिन उस ग़रीब से पूछो जो साल में एक-दो बार घर-गाँव जाता है और वहाँ से अपने साथ दाल-चावल-राशन बाँधकर लाता है। अब क्या ग़रीब मजदूर-किसान की थाली का खाना भी भाजपा छीन लेना चाहती है। पैसे की भूखी भाजपा को जो वसूलना है वो AC-1 और AC-2 तक के लोगों से वसूले न कि जनरल, स्लीपर या AC-3 वालों से। अगर भाजपा सरकार के शासनकाल में रेलवे का खज़ाना पूरी तरह खाली हो गया है तो वो अपने सांसदों-विधायकों से कहे कि वो लोग अपने मुफ़्त के पास छोड़ दें। भाजपा के भ्रष्टाचार ने रेलवे को खोखला कर दिया है। ये फ़ैसला वापस नहीं हुआ तो जनता भाजपा की वापसी का टिकट वक़्त से पहले काट देगी। जो गरीबों का बोझ न उठा सके ऐसे डबल इंजन पर धिक्कार है।
वैसे अगर देखा जाए तो इस नियम के हिसाब से अब से आदमी के साथ-साथ उसके सामानों की भी टिकट करानी पड़ेगी। खैर ऐसे में अगली बार आप ट्रेन पर सफर में निकलते हैं तो यह जरुर ध्यान रखें की आपका सामान तय सीमा से ज़्यादा न हो वरना यात्रा के दौरान जुर्माना देना पड़ सकता है।
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