41 वर्षीय थांगथांग, लीमाखोंग मिलिट्री स्टेशन पर तैनात थे। वह छुट्टी पर थे, जब उनकी हत्या कर दी गई। वह साल 2018 में असम रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए थे और साल 2019 में डिफेंस सर्विस कॉर्प्स में शामिल हुए थे।
मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के तरुंग में सिपाही सर्टो थांगथांग कोम (Serto Thangthang Kom) को बीते 16 सितंबर शनिवार को उनके घर से अगवा कर लिया गया व अगले दिन 17 सितंबर को उनका शव इंफाल पूर्वी जिले में सड़क किनारे मिला। बता दें, तरुंग जिले के नेइकानलोंग क्षेत्र में है।
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द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, 41 वर्षीय थांगथांग, लीमाखोंग मिलिट्री स्टेशन पर तैनात थे। वह छुट्टी पर थे, जब उनकी हत्या कर दी गई। वह साल 2018 में असम रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए थे और साल 2019 में डिफेंस सर्विस कॉर्प्स में शामिल हुए थे।
रक्षा मंत्रालय के कोहिमा और इंफाल डिवीजन के मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स ने सोशल मीडिया साइट (पूर्व नाम ट्विटर) X पर बताया कि, ” #भारतीयसेना के सिपाही, सिपाही सर्टो थांगथांग कोम (41) का 3 अज्ञात बदमाशों ने अपहरण कर लिया और बाद में उनकी हत्या कर दी, जब वह तरुंग, हैप्पी वैली, #इम्फाल पश्चिम में छुट्टी पर थे। उन्हें डीएससी प्लाटून, लीमाखोंग, #मणिपुर में तैनात किया गया था। उनके परिवार में पत्नी और 2 बच्चे हैं।”
An #IndianArmy soldier, Sep Serto Thangthang Kom (41), was abducted & later killed, by 3 unidentified miscreants, while on leave at Tarung, Happy Valley, #Imphal West. He was deployed at DSC Platoon, Leimakhong, #Manipur. He is survived by his wife & 2 children.@SpokespersonMoD pic.twitter.com/UYgDqhW51b
— PRO, Kohima & Imphal, Ministry of Defence (@prodefkohima) September 17, 2023
बेटे ने पिता को अगवा होते हुए देखा
सिपाही के परिवार ने बताया कि शनिवार (16 सितंबर) को तीन अज्ञात लोगों ने उनके घर का दरवाजा खटखटाया और बंदूक की नोक पर थांगथांग को एक सफेद गाड़ी में लेकर गए।
उस समय वह अपने बेटे के साथ बरामदे में बैठे थे। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सिपाही का बेटा ही पूरी घटना का इकलौता गवाह है। उसने ही अपने पिता को अज्ञात लोगों द्वारा ले जाते हुए देखा था।
अधिकारियों ने सिपाही के बेटे की बात को शब्दबद्ध करते हुए कहा, “हथियारबंद लोगों ने सिपाही के सिर पर पिस्तौल रख दी और मौके से भागने से पहले उसे एक सफेद वाहन में जबरदस्ती डाल दिया।”
पीटीआई के अनुसार, रविवार सुबह तक सिपाही की कोई खबर नहीं थी। सुबह 9.30 बजे के आसपास, उनका शव इंफाल पूर्व में सोगोलमांग पीएस के तहत मोंगजाम के पूर्व में खुनिंगथेक गांव में पाया गया। उनकी पहचान की पुष्टि उनके भाई और बहनोई ने की।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य के चुराचांदपुर जिले में मणिपुर पुलिस के एक उप-निरीक्षक की गोली मारकर हत्या करने का भी मामला सामने आया था। इस घटना के बाद अब भारतीय सेना के सिपाही की टारगेट करके हत्या करने का मामला सामने आया है।
मणिपुर में हिंसा का दौरा खत्म नहीं हो रहा है। राज्य की सरकार व केंद्र की सरकार बस बात करती दिख रही है व राज्य में हत्याओं व हिंसा का दौर यूंही ज़ारी है। जवाबदेही के नाम पर ज़िम्मेदार अधिकारी बस अटकलें लगाते दिख रहे हैं।