खबर लहरिया Blog Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण का ज़िम्मेदार कौन? भाजपा-आप पार्टी में चल रहा दोषारोपण का खेल

Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण का ज़िम्मेदार कौन? भाजपा-आप पार्टी में चल रहा दोषारोपण का खेल

सोमवार को दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था, इसके बाद पाकिस्तान में लाहौर और कराची थे। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में मुंबई और कोलकाता पांचवें और छठे स्थान पर हैं।

increasing Air Pollution in delhi,

                                         दिल्ली में प्रदूषण की सांकेतिक फोटो ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

Pollution: दिल्ली की हवा मंगलवार सुबह AQI 361 (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के साथ ‘बहुत खराब’ (very poor) श्रेणी में रही। हालांकि, दीवाली के अगले दिन सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 403 (रात 10 बजे) दर्ज़ किया गया जो कल से बेहतर है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर प्लस’/ severe plus(450 या उससे ऊपर) तक पहुंच जाता है तो सरकार सम-विषम यानी ऑड-इवन योजना लागू करेगी। उन्होंने दावा किया कि दीवाली के लिए रविवार रात शहर में पटाखे फोड़े गए, जो उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए थे। “अगर यूपी और हरियाणा में प्रतिबंध होता तो ऐसा नहीं होता। तीनों राज्यों (यूपी, हरियाणा और दिल्ली) में पुलिस बल भाजपा के अधीन है,” – पर्यावरण मंत्री ने कहा।

ये भी पढ़ें – Delhi Air Pollution: दिल्ली वायु प्रदूषित शहरों में सबसे ऊपर, प्रदूषण से बचने के लिए अपनाएं ये उपाये

प्रदूषण आप पार्टी की लापरवाही – पूनावाला

लाइव मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किए गए अपने एक वीडियो में भाजपा के शहजाद पूनावाला ने राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर AQI के लिए दीवाली और हिंदुओं को ज़िम्मेदार ठहराने के लिए आम आदमी पार्टी पर हमला बोला।

पूनावाला ने लिखा “पटाखे नहीं पंजाब की पराली लगातार जलती रही है। 2 दिनों में पराली जलाने की 2600 घटनाएं सामने आई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को दो बार वार्निंग भी दी है फिर भी इसका कोई इलाज नहीं है।”

दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर

वायु गुणवत्ता निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विस कंपनी IQAir के अनुसार, सोमवार को दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था, इसके बाद पाकिस्तान में लाहौर और कराची थे। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में मुंबई और कोलकाता पांचवें और छठे स्थान पर हैं। हरियाणा, पंजाब के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पटाखें जलाये गए जिसकी परिणामस्वरूप दीवाली की रात शहर धुंध की मोटी परत में समा गया जो अभी भी ज़ारी है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले साल दीवाली पर AQI 312, 2021 में 382, ​​2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था।

सरकारें एक-दूसरे पर बढ़ते प्रदूषण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल, खेल रही हैं लेकिन जो भी उपाय अभी तक सुझाये गए हैं, उनमें से कोई भी कारगर नहीं दिखे हैं और हवा सांस लेने के लिए अभी भी ज़हरीली बनी हुई है।

 

यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke