जिला चित्रकूट ब्लॉक रामनगर गांव रामपुर में 5 अप्रैल के दिन 12 साल के बच्चे प्रियांशु कुमार की मौत का मामला सामने आया है। परिवार वालों के अनुसार 5 अप्रैल को वो लोग गेहूं काटने चले गए थे। बच्चे ने परिवार से कहा था कि उसे खेलना है इसलिए वह नहीं जाएगा। लेकिन जब शाम को वह लोग 5 बजे घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा साड़ी से लटका हुआ था।
उन्होंने उसे नीचे उतारा और फिर रामनगर से सोनपुर और सोनपुर से इलाहबाद इलाज के लिए ले गए। लेकिन वहां कहा गया कि उन्हें पहले थाने जाना होगा। जहां उन्हें ही पुलिस द्वारा गुनेहगार ठहरा दिया गया। पिता का कहना है कि पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज़ नहीं की। वह कहते हैं कि पुलिस ने उनसे कहा कि उसका बेटा पागल था। इसमें वह कुछ नहीं कर सकते।
वहीं मृत बच्चे के पिता का कहना था कि फांसी बहुत ऊँचे में लगाई गयी थी, जहां उनका बेटा पहुंच भी नहीं सकता था। उनके बेटे का मर्डर किया गया है। वह कहते हैं कि वह शासन-प्रशासन के पास जाएंगे मदद के लिए। घटना के लगभग एक हफ्ते के बाद भी रिपोर्ट नहीं लिखी गयी है। उनकी तो किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं है।
वह आगे कहते हैं कि पुलिस ने उनके बेटे को पागल कहा, जबकि वो तो पढ़ाई में भी बहुत अच्छा था। रैपुरा थाना के दरोगा सुशील चन्द्र का कहना है कि मौत के तीसरे दिन परिवार रिपोर्ट लिखवाने के लिए आया। जब पोस्टमॉर्टेम कराया गया तो यह सामने आया कि बच्चे ने खुद ही फांसी लगाई थी और छटपटाने की वजह से शरीर पर चोटों क निशान आये हैं। वहीं परिवार इसे मर्डर का नाम दे रहा है। चुनाव के बाद ही मामले की जांच की जायेगी।