लेकिन विवाद इस बात को लेकर है कि इन दस्तावेज़ों को जुटाना गरीब और अशिक्षित परिवारों के लिए बेहद मुश्किल है। इनमें शामिल हैं – जन्म प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, जाति प्रमाण पत्र जैसे कागज़, जो आमतौर पर हर किसी के पास नहीं होते, खासकर ग्रामीण या वंचित समुदायों के पास। इसी के चलते गरीब, अशिक्षित, या जो अपने गांव से बाहर रहते हैं – उनके नाम वोटर लिस्ट से हटने का डर है। मगर रोजमर्रा की ज़िन्दगी जीते हुए लोग इससे महत्व नहीं दे रहे हैं। गांव से बाहर रहने वाले लोगों का कहना है की अगर हम ये करने गांव गए तो हमारी नौकरी चली जाएगी उसकी गारंटी कौन लेगा? गया ज़िले के निवासी जो पटना में काम करते हैं उनका बयान सुनिए।
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