ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास का तहखाना (सीलबंद बेसमेंट क्षेत्र) में अब हिन्दू पक्ष को प्रार्थना करने की अनुमति दे दी गई है। यह फैसला, वाराणसी जिला अदालत द्वारा 31 जनवरी, बुधवार को आया।उसके बाद आज जुम्मा की पहली नमाज़ है जहाँ हिन्दू मुस्लिम दोनों पक्षों की भीड़ उमड़ आई है। अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज के सामने एक वाद दायर किया था। इसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी। महिलाओं की याचिका पर जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद परिसर का एडवोकेट सर्वे कराने का आदेश दिया था।
कोर्ट के आदेश पर पिछले साल तीन दिन तक सर्वे हुआ था। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने में में शिवलिंग है हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना था कि वो शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है जो हर मस्जिद में होता है। 2022 में जब अदालत ने ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश दिया, तब सोमनाथ व्यास जी के परिवार के एक सदस्य शैलेंद्र कुमार पाठक ने याचिका दायर की और तहखाने में दोबारा पूजा अर्चना का अधिकार मांगा। आखिरकार 31 जनवरी 2024 को उन्हें कोर्ट से अनुमति मिल गई।
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