खबर लहरिया Blog गिरते तापमान से कैसे बढ़ता है प्रदूषण?

गिरते तापमान से कैसे बढ़ता है प्रदूषण?

ठंड के कारण कोहरा बनता है, जो प्रदूषकों को हवा में फंसा कर रखता है और धुंध (स्मॉग) का निर्माण करता है। इससे हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है और सांस लेने में परेशानी होती है।

How Lower Temperatures Lead to Higher Pollution?

                           सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार – सोशल मीडिया)

गिरता तापमान प्रदूषण बढ़ाने में इसलिए योगदान देता है क्योंकि ठंड के मौसम में वायुमंडल में कई तरह के बदलाव होते हैं। जैसे :-

1. वायु का ठहराव (Inversion Effect)

सर्दियों में ठंडी हवा सतह के पास बनी रहती है, जबकि गर्म हवा उसके ऊपर होती है। इसे “इन्वर्शन” कहा जाता है। इस स्थिति में प्रदूषक (प्रदूषक वे हानिकारक पदार्थ या कण होते हैं जो हवा, पानी, मिट्टी, या वातावरण में मिलकर उसे प्रदूषित करते हैं) जैसे धूल, धुआं और हानिकारक गैसें निचली परत में फंसी रह जाती हैं और ऊपर नहीं जा पातीं। इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।

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2. हवा की गति का कम होना

सर्दियों में हवा की गति धीमी हो जाती है, जिससे प्रदूषण के कण लंबे समय तक एक ही जगह पर बने रहते हैं। इससे हवा साफ नहीं हो पाती और प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।

3. कोहरे और धुंध का निर्माण

ठंड के कारण कोहरा बनता है, जो प्रदूषकों को हवा में फंसा कर रखता है और धुंध (स्मॉग) का निर्माण करता है। इससे हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है और सांस लेने में परेशानी होती है।

इस तरह से ठंड में गिरता तापमान, धीमी हवाएं और इन्वर्शन की वजह से प्रदूषण बढ़ जाता है।

(यह जानकारी बस मौजूदा जानकारी के आधार पर लिखी गई है।)

 

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