खबर लहरिया ताजा खबरें आखिर कब तक होगी गाय पर राजनीति? देखिए राजनीति, रस, राय में

आखिर कब तक होगी गाय पर राजनीति? देखिए राजनीति, रस, राय में

गाय और गौशालाओं पर हो रही राजनीति से बखूबी आप परिचित हैं फिर भी इस पर बात करना जरूरी है। वैसे मुझे लगता है कि इन मुद्दों पर शो, खबर, डिबेट करने का कोई फायदा है? शायद नहीं क्योंकि हमारा देश जमीनी मुद्दों से ऊपर उठकर इतिहास रचने का काम कर रहा है। जिसके सपोर्ट के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन भीड़ का एक बड़ा हिस्सा है। फिर भी मैं कुछ जमीनी सच्चाई की बात करना चाह रही हूं।

इस समय अन्ना जानवर जिनको गौशाला के नाम पर बांधकर रखा गया है उनका हाल बहुत बुरा है। अभी तक तो वह भूख के मारे मर रहे थे पर अब स्थिति और भी खराब हो गई है। लगातार लुढ़कते पारे से हरेक गौशाला में रोज गायें ठंड के मारे मर रही हैं। उनकी सुध न सरकार को है और न प्रशासन को। इसी महीने की 8 तारीख को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बांदा आये थे तिंदवारी कस्बे की गौशाला का निरीक्षन करने के लिए।

क्या तामझाम किया गया था। एक घण्टे के दिखावे के लिए गौशाला की कायापलट कर दी गई थी। लोगों से पता चला कि घरों से गायों को लाकर गौशाला में बांधा गया और बीमार, कमजोर और कुपोषित जानवरों को हटा दिया गया था। आखिरकार इतने सारे जानवर गए कहां इस सवाल पर दबी जुबान लोगों ने बताया कि उनको जिंदा दफना दिया गया है।गाय की चाल पर यूपी बेहाल देखिए गौ-माता स्पेशल

आखिकार राजनीति की आड़ से इस तरह का काम करके कितना पुण्य कमाएंगे? मैंने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान लोगों से बात की। उनकी बातों से समझ में आ रहा था कि यह सब लोग देख नहीं पा रहे। इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं पर उनकी आवाजें सरकार को सुनाई ही नहीं दे रही है। ऐसी बात नहीं है सुनाई और दिखाई सब दे रहा है लेकिन राजनीति के लिए जानबूझकर गूंगी और बहरी बनी हुई है सरकार।

अन्ना जानवर की स्थिति अचानक से नहीं आई जबकि यह जानबूझकर बनाई गई है वह भी धर्म की राजनीति के लिए। क्या पहले गाय नहीं रखते थे किसान। फसल काटने के बाद फसल बोने के समय तक खेत खाली हो जाते थे तभी जानवर को अन्ना किया जाता था और बारिश आते ही फिर से लोग गाय बांध लेते थे। न गाय को समस्या थी और न किसान को। पशुपालन विभाग के हिसाब से जो बजट प्रति गाय के हिसाब से आ रहा है ऐसे में जानवर कुपोषित ही जिंदा रहेंगे। जिले में लगभग 2 लाख जानवर कुपोषित जिंदा है। सवाल उठता है कि गाय प्रेमी सरकार गायों और उनके बच्चों को कुपोषित क्यों कर रही है? इस बात को भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार नेता भी मान रहे हैं। अगर इस बात की सच्चाई है तो सरकार गाय को भूखा, प्यासा, बीमार रखकर राजनीति क्यों कर रही है?