5 मार्च को शहजादी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। सरकार ने अदालत को बताया कि विदेश मंत्रालय को 28 फरवरी 2025 को इस बारे में जानकारी मिली थी।
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की शहजादी खान,जिसे पिछले साल यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) में 4 महीने के बच्चे की हत्या के आरोप में फांसी की सजा दी गई थी, उसे 15 फरवरी 2025 को फांसी दे दी गई है। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने सोमवार, 3 मार्च 2025 को दिल्ली उच्च न्यायालय को दी।
जानकारी के अनुसार, 5 मार्च को शहजादी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें, सरकार ने अदालत को बताया कि विदेश मंत्रालय को शहजादी की फांसी के बारे में 28 फरवरी 2025 को जानकारी मिली थी।
ये भी देखें – यूएई की जेल में बंद शहजादी खान को हुई फांसी, 15 दिन बाद मिली मौत की ख़बर
शहजादी को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे थे पिता
सोमवार को शहजादी की फांसी की ख़बर मिलने के बाद, उनके परिवार ने कहा कि वह अपनी बेटी का शव लाने के लिए केंद्रीय सरकार से मदद मांगेंगे। परिवार ने बताया कि वह इस ख़बर से बहुत हैरान थे क्योंकि उस दिन (15 फरवरी) उन्होंने अपने बेटी से फ़ोन पर बात की थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 21 फरवरी को शहजादी के पिता ने विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने यह पुष्टि करने की मांग की थी कि उनकी बेटी अभी जीवित है या उसे फांसी की सज़ा दी जा चुकी है। इसके बाद, शनिवार को उन्होंने उच्च न्यायलय से वही जानकारी प्राप्त करने के लिए संपर्क किया था।
पिता शब्बीर खान ने बार-बार केंद्रीय और राज्य अधिकारियों से यह कहते हुए मदद की अपील की थी कि उनकी बेटी को झूठे केस में फंसाया गया है।
शहजादी कैसे पहुंची दुबई और उसके साथ क्या हुआ?
जानकारी के अनुसार, शहजादी की शादी नहीं हुई थी। वह अपने पिता शब्बीर और उनकी पत्नी नज़रा बेगम की तीन बेटियों में सबसे छोटी बेटी थीं। उन्होंने छठी कक्षा तक पढ़ाई की थी। जब वह छह साल की थी तो जलने की वजह से उनके शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर जलन के निशान हो गए थे।
शहजादी के परिवार ने उज़ेर, जिसे पन्ना चौधरी के नाम से भी जाना जाता है, इस मामले में दोषी ठहराया था। वह आगरा का निवासी था। परिवार का कहना था कि उज़ेर से शहजादी की मुलाक़ात सोशल मीडिया के ज़रिये हुए थी। उस समय वह एक एनजीओ के साथ काम कर रही थीं।
परिवार के अनुसार, उज़ेर ने शहजादी को आबू धाबी में अपने चाचा फैज़ और चाची नज़िया के घर पर अच्छे वेतन वाली नौकरी देने का वादा किया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नज़िया ने साल 2022 में अपने बच्चे को जन्म दिया था जिसकी चार महीने का होने पर मृत्यु हो गई। बच्चे की मौत का आरोप शहजादी पर लगाया गया क्योंकि वही बच्चे की देखभाल कर रही थी।
कुछ महीने बाद, फैज़ और नज़िया ने शहजादी पर उनके बच्चे की हत्या का आरोप लगाया। परिवार का कहना था कि शहजादी को झूठा जुर्म कबूल करने के लिए मज़बूर किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जुलाई में शब्बीर खान की शिकायत पर बांदा जिले की पुलिस द्वारा फैज़, नज़िया, उज़ेर और फैज़ की मां अंजुम सहाना बेगम के खिलाफ़ अदालत के आदेश पर एफआईआर दर्ज किया गया था। शिकायत में कई आरोप लगाए गए थे, जिनमें से एक आरोप यह था कि उज़ेर और अन्य द्वारा शहजादी को ज़बरदस्ती श्रम के लिए भेजा गया था। इस मामले में जांच अधिकारी ने रिपोर्ट को बंद कर दिया था, बांदा जिला पुलिस अधिकारी ने इस बारे में बताया।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’