अयोध्या जिले के मया ब्लॉक के सिलौनी गांव में लगभग 30 अनुसूचित जाति के गरीब परिवार आज भी आवास योजना की प्रतीक्षा में हैं। वर्षों से केवल सर्वे, मीटिंग और कागजों में नाम दर्ज होते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं होती। गांव की आबादी करीब 5,000 है, जिनमें 2,000 से अधिक वोटर हैं। बावजूद इसके, प्रशासन की अनदेखी ने लोगों में नाराजगी और निराशा दोनों भर दी है। लोगों का कहना है कि हर बार सिर्फ नाम लिखा जाता है और मीटिंग की औपचारिकता निभा ली जाती है। सरकार की योजनाएं जब ज़मीनी हकीकत से टकराती हैं, तो तस्वीर कुछ ऐसी ही बनती है — उम्मीदें अधूरी, जीवन असुरक्षित और सवाल अनगिनत। अब देखना ये है कि क्या सिलौनी गांव के इन 30 परिवारों को इस बार छत नसीब होगी, या फिर ये भी एक और अधूरी योजना का हिस्सा बनकर रह जाएंगे।
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