जिला अम्बेडकर नगर ब्लॉक भीटी ग्राम सभा पाण्डेय पैकौली ,गुमा नामक आयुर्वेदिक उपचार से गांव के लोग ठीक हैं ।गुमा लोगों के खेत खलिहान या घर भी बैठा देते हैं और जब किसी को गैस बदहजमी और लम्बे समय से मियादी बुखार होता हैं तो दो सप्ताह लगातार गुमा का पत्ती पीसकर काढ़ा बनाकर पीने से बुखार ठीक होता है। अनारकली देवी ने बताया कि अगर कोई कोई काढ़ा नहीं पी पाता है तो उसके लिए दूसरी विधि भी है गुमा के पत्ते में हल्का सा नमक लहसन और रेड़ के पत्ते में रख कर ऊपर से चिकनी मिट्टी लगा दिया जाता है फिर चूल्हे की आग में डाल कर पांच से दस मिनट तक रहने दो फिर बाहर निकाल कर उसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर धूप में सुखाकर सुबह खाने से पहले और रात्रि में सोने से पहले खाया जाता है। ऐसे पन्द्रह दिन तक खाएं बुखार के साथ साथ पेट कि बिमारी से निजात मिल जाएगी। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है । क्योंकि गांव के शुद्ध वातावरण से देशी मिट्टी में प्राकृतिक औषधि है इस गांव में लगभग छः सौ घर हैं अधिकांश लोग जड़ी बूटी में विश्वास रखते हैं। बहुत कम मात्रा में बाहर से दवाईयां लेते हैं सबसे पहले देशी नुस्खा आजमाते हैं और सब लोग स्वस्थ भी रहते हैं शहरों के अपेक्षा इस लिए बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि जैसा अन्न वैसा मन शुद्ध खाओगे तो सुरक्षित रहेंगे।
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‘गूमा का पौधा’ (Guma Plant): बुखार करे जड़ से दूर | देसी नुस्खा
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