उत्तर प्रदेश बांदा : जिला के ग्राम पंचायत पलरा गांव में 15 जनवरी को भूरा साहू नाम के व्यक्ति के घर मे आग लग गयी। जानकारी के अनुसार बिजली गयी हुई थी और रोशनी के लिए घर मे मोमबत्ती जल रही थी। अचानक से मोमबत्ती से पूरे घर में आग लग गयी। जिसमें उनकी पूरी गृहस्थी जल कर ख़ाक हो गयी। कुछ भी नहीं बचा। इस सर्दी के मौसम में वह किसी भी तरह गुज़ारा करने को मजबूर है। पूरा परिवार ठंड की मार झेल रहा है। भूरा का कहना है कि उसने लेखपाल से भी मदद की गुहार लगाई।
उसके द्वारा बस आश्वासन दे दिया गया, लेकिन जिस मदद की उम्मीद थी, वह उन्हें नहीं दी गयी। उन्हें आशा थी कि शायद मदद मिलने पर वह कम से कम झोपड़ी बनाकर ही अपने परिवार के साथ रह लेगा। सर पर छत होगी तो सुरक्षा महसूस होती रहेगी। वो आशा भरी आंखें बस इंतज़ार करती रहीं। वहीं लेखपाल का कहना है कि उन्हें किसी भी बात की कोई जानकारी नहीं थी। उनका कहना है कि वह जाकर स्थान का सर्वे करेंगी और जितना मुआवज़ा हो सके उन्हें दिलाएंगी। लेखपाल द्वारा जानकारी ना होने का दावा करना, बेहद हास्यप्रद लगता है।
जबकि व्यक्ति द्वारा कहा गया कि लेखपाल ने उसे मदद का आश्वासन दिया था। इस बात पर यह सवाल रहता है कि लेखपाल द्वारा आखिर कब तक भूरा को सहायता प्रदान की जाएगी? कितने समय तक भूरा को अपने परिवार के साथ बिना छत के रहना पड़ेगा? क्या उनके रहने के लिए कोई दूसरी व्यवस्था नहीं कराई जा सकती?