आवास जो किसी भी व्यक्ति को सुकूं देने का काम करता है। उसे राहत प्रदान करता है। लेकिन हर व्यक्ति को न तो सुकूं की छत मिलती है और न ही राहत की नींद। यूँ तो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ज़रूरतमंद लोगों को आवास प्रदान करने के लिए काफ़ी योजनाएं चलाई गयी। जिसमें कुछ लोगों को आवास मिले। उनके आवास भी अधूरे हैं। वहीं कुछ लोग तो ऐसे हैं जो आवास के लाभ से बहुत ही दूर है। साथ ही, जब भी चुनाव होता है तो दो चीज़ें आमतौर पर देखने को मिलती है। पहला, बहुत काम होना और दसूरा, कुछ भी ना होना। ऐसी ही एक समस्या यूपी के जिला चित्रकूट की है।
अधूरे पड़े मकान और बढ़ती चिंताएं
जिला चित्रकूट के ब्लॉक रामनगर गांव ईटवा का पुरवा धौहाई में रहने वाले लोगों के आवास काफी समय से अधूरे पड़े हुए है। वहीं कुछ लोगों को आवास ही नहीं मिला। गाँव की महिला सुनीता देवी का कहना है कि उन्हें पांच महीने पहले आवास की पहली क़िस्त मिली थी। जो की तकरीबन चालीस से पचास हज़ार थी। लेकिन अभी भी पूरे आवास के पैसे नहीं मिले है। जितना मिला था उसमें घर में लैंटर पड़ गया। अभी तो गर्मी है। लेकिन जब मौसम बीत जाएगा तो बरसात के मौसम में अधूरे पड़े घर में वह कैसे रह पाएंगे।
रानी देवी का कहना है कि वह कई बार रामनगर बैंक गयी। यह देखने की आवास की क़िस्त आयी की नहीं। वह कहती हैं कि बैंक के कर्मचारियों का कहना है कि जब पैसे आएंगे तो उन्हें बता दिया जाएगा। उनका कहना है कि वह मेहनत मज़दूरी करती हैं। लकड़ी काटकर परिवार का भरण-पोषण आकृति हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह खुद पैसे लगवाकर मकान बनाव लें।
मिथिलेश कुमार का भी आवास अधूरा पड़ा है। वह कहते हैं कि उन्हें भी आवास के पैसे नहीं दिए गए। इसके आलावा जो वह मज़दूरी का काम करते हैं। उन्हें उसके पैसे भी नहीं मिले हैं। उनके द्वारा सचिव से भी शिकायत की गयी। लेकिन कोई भी हल नहीं निकला।
चुनाव के बाद आएगा बजट – सचिव
गाँव की कुल आबादी पांच हज़ार की है। जिसमें सरकार की तरफ से एक हज़ार कॉलोनी आयी थी। कुछ आवास काट दिए गए थे। वहीं कई कॉलोनियों बहुत समय से अधूरी पड़ी हई है। जब इस बारे में गाँव के सचिव योगेंद्र यादव से बात की गयी। उनका कहना था कि चुनाव की वजह से सरकार की तरफ से बजट नहीं आ रहा। चुनाव खत्म होने के बाद बजट भी आ जाएगा।
जल्द मिल जाएंगे आवास के पैसे – बीडीओ
रामनगर ब्लॉक के बीडीओ धनंजय सिंह का कहना है कि वैसे तो इटवा ग्राम पंचायत में सब आवास आ गए हैं। लेकिन चुनाव की वजह से बजट नहीं आ पाया है। इसलिए लोगों को परेशानियां आ रही है। वह कहते हैं कि वह भी अपनी ड्यूटी में व्यस्त है। जैसे ही चुनाव खत्म होंगे। वह भी सरकारी काम में लग जाएंगे। जिन लोगों की क़िस्त नहीं आयी। उनके पैसे भी जल्दी आ जाएंगे ताकि उनके आवास बन सके।
चुनावी मौसम में प्रत्याशियों द्वारा काम करने के बहुत बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं। वहीं जब यही वादें पूरी नहीं होते तो लोगों की परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। चुनाव के दौरान बहुत से काम भी रुक जाते हैं। जैसा की हमें यहां देखने को मिला। चुनाव की वजह से लोगों के आवास के पैसे रुके हुए हैं। यह भी नहीं पता की पैसे कब तक आएंगे और वह कब तक अपना घर पूरा बनवा पाएंगे। अधूरा पड़ा आवास सर भी पूरी तरह से ढक नहीं पाता। जिसकी चिंता हमेशा व्यक्ति को सताये रहती है।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सहोदरा देवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।