होमी व्यारावाला देश की पहली महिला फोटो पत्रकार थीं।
होमी व्यारावाला का जन्म 9 दिसम्बर 1913 में एक पारसी परिवार में गुजरात के नवसारी में हुआ था।
होमी सेंट जेवियर कॉलेज से डिप्लोमा करने के बाद जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में पढ़ाई की।
होमी अपने काम के लिए साइकिल से दिल्ली के एक छोर से दूसरे छोर तक घूमती थी।
होमी के समय में कैमरा खुद एक विचित्र चीज होती थी, इस समय में पुरुषों के एकाधिकार प्राप्त क्षेत्र में एक महिला का होना बहुत अजीब था। लेकिन होमी इन बातों से कभी नहीं घबराई।
होमी ने 1938 से 1970 के बीच अपनी फोटो के माध्यम से दुनियाभर में नाम कमाया।
होमी के अनुसार एक अच्छी फोटो के लिए सबसे जरूरी बात समय, कम्पोजिशन और कोण होता है। जो इसका सही इस्तेमाल करना जानता है, वह अच्छा फोटोग्राफर है।
होमी ने एक फोटो पत्रकार के रुप में कई अनमोल पलों को अपने कैमरे में कैद किया।
उन्होंने आजाद भारत में पहली बार ध्वज फहराने से लेकर महात्मा गांधी, नेहरु और लाल बहादुर शास्त्री के अंतिम संस्कार की फोटो ली।
2011 में होमी को भारत के पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
2017 में होमी के 104 वीं जयंती पर गूगल ने उनका डूडल बनाकर उन्हें सम्मान दिया।
2012 में गुजरात के वडोदरा में 98 साल की उम्र में होमी का निधन हो गया।