खबर लहरिया Blog Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, 106 लोगों की मौत और कई सड़कें बंद 

Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, 106 लोगों की मौत और कई सड़कें बंद 

हिमाचल प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। 16 जुलाई को कांगड़ा, मंडी, चंबा और सिरमौर जिलों के कुछ स्थानों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। 

Picture of the devastation in the state after the rain

बारिश के बाद प्रदेश की तबाही की तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

हिमाचल प्रदेश में बारिश का मौसम अपने साथ तबाही लेकर आया है। दरअसल हिमाचल प्रदेश में 15 जुलाई 2025 से मूसलाधार बारिश हो रही है। तेज बारिश ने वहां के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने कुछ जिलों जैसे कांगड़ा, मंडी, चंबा और सिरमौर के कुछ स्थानों पर यलो अलर्ट जारी कर दिया है।

कौन सा जिला कितना प्रभावित 

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 257 सड़कें, 151 वितरण ट्रांसफार्मर इकाइयां और 171 जलापूर्ति योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। 

दैनिक सवेरा के रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश के कारण मंडी और सिरमौर जिले की हालत सबसे ज़्यादा खराब है। सिरमौर जिले में 55 सड़कों को बंद कर रखा गया है और इसके नोहराधार क्षेत्र में 11 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। दूसरी ओर मंडी जिले में बारिश से 140 सड़कें और 143 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ ही मंडी में 142 जलापूर्ति योजनाओं के ठप पड़ने से लाखों लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

कांगड़ा जिले में भी 12 सड़कों को बंद कर दिया गया है। नगरोटा में एक ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हुआ है। चंबा जिले के, तीसा और भरमौर उपमंडलों में पांच ट्रांसफार्मर बाधित हैं जबकि दो सड़कें पूरी तरह बंद हैं। भारी बारिश के कारण कई ट्रांसफार्मर भी बंद हो गए हैं जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। कई पुल भी टूट कर क्षतिग्रस्त हो गए।

मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि 21 जुलाई तक बारिश से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। 

106 लोगों की मौत 

दरअसल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने जान-माल को बुरी तरह प्रभावित किया है। जागरण के खबर के अनुसार, इस मानसून की बारिश में 20 जून से 15 जुलाई तक 106 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। कुल मौतों में से 62 मौतें सीधे तौर पर बारिश से संबंधित आपदाओं जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने, डूबने, बिजली का झटका लगने और गिरने से हुई हैं। 

भारी बारिश और बादल के फटने से कई घटनाएं हिमाचल प्रदेश में हुई है जिससे भी लोगों की जाने गईं हैं जैसे – अचानक बाढ़ में 8 लोगों की मौत, बिजली का झटका लगने और सांप के काटने से 5-5, और भूस्खलन व आग लगने से 1-1 मौत और ऊंचाई (पेड़/चट्टान) से गिरने से 12 डूबने से 11 मौत शामिल है। बारिश से मौतों में मंडी में सबसे अधिक 21 मौतें, कांगड़ा में 17, कुल्लू में 11, चंबा में 9, और हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना में 8-8 मौतें दर्ज हुई हैं। अब तक 1046 मकान, 188 दुकानें और 798 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। अकेले मंडी में 856 घर, 166 दुकानें और 644 गौशालाएं प्रभावित हुई हैं। आपदा का असर कृषि और पशुपालन पर भी गहरा पड़ा है। 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 954 अन्य पशु मारे गए हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्री से मदद 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 जुलाई 2025 को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें बताया कि राज्य को अचानक आई बाढ़ और बादल फटने से लगभग 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हिमाचल के मुख्यमंत्री का केंद्रीय गृह मंत्री से बातचीत के बाद अब आगे ये देखना होगा कि प्रशासन इस आपदा से प्रभावित लोगों के लिए क्या निर्णय लेती हैं। 

 

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