महोबा सहर के इन्दरा नगर कॉलोनी के एक हेमंत अनुरागी का कहना है कि गिटार बजाना मैंने बचपन से मेरी शॉख थी लेकिन मैंने सीखा नहीं था क्योंकि पढ़ाई भी जरूरी थी अपने बचपन से ही मैंने ठान लिया था गिटार बजाने के लिएजब मैं दूसरों को देखता था मंच पर तो मुझे भी लग रहा था कि मैं भी कभी मंच तक पहुंच लूंगा |
संगीत कला में मेरे बड़े भाई भी थे उनको ही मैं देखता था दो साल से मैं यूट्यूब से मैंने सीखा पहले सिखने मैं हर के उंगली कट जाती थी क्ये की गिटार बजाने के अरेबिया नहीं था यही मेरे लिए चुनोती थीआब में आसानी से गिटार बजालेता हूं कि ई मुझे प्रेरणा पत्र पात्र भी मिले हैं जिससे मुझे अच्छा लगता है |
जो मेरा सपना है ओ अइयस बने का दो आपने साथ दो चिज़ लेके चलते संगीत भी की कुछ मां कुछ मिले गा चाहते हैं की अछ्छा सिंगार बनूं अजिज सिंह को में फेनमनता हूं संगीत के माध्यम से हम नेशनल लेवल तक पहुंच गए हैं सबसे ज्यादा श्रेय तो हमारे फैमिली का था मुझे योगदान करने में क्योंकि मुझे गिटार ले कर दिया है तभी तो मैं बजा रहा हूं और दूसरा हमारे टीचरों का भी इसमें से है जो मेरा गला साफ हुआ नेशनल लेवल तक पहुंचने के लिए |
जब हमारे भाई संगीत कार्यक्रम में मंच में बैठे थे तभी से मेरे मन में हुआ है कि यह संगीतकार बहुत अच्छा होता है इसी वजह से मैं गिटार बजाना शुरू किया कि मैं भी कभी मंच में पहुंच लूंगा क्योंकि मैं जमीन पर बैठे सुन रहा था उसी समय से मेरे मन में आया कि मुझे तो सीखना ही है और जब भी मैं पढ़ाई से थोड़ा टाइम बचा कर मोबाइल भी देखने लगा था गिटार बजाने में यूट्यूब के ही शुरु सीखा उंगली चलाना भी |