जिला चित्रकूट ब्लाक मानिकपुर गांव ऊचाडीह के लोगों के पास अभी-भी अपना मकान नहीं है। जबकि 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत के साथ यह कहा गया था कि अब हर परिवार का अपना घर होगा। लेकिन आज योजना को शुरू हुए पांच साल बीत गए हैं, फिर भी लोगों ने अपना खुद का घर होने का सुख नहीं देखा है।
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ऐसा नहीं है कि मानिकपुर कोई पिछड़ा हुआ तबका है बल्कि वह सबसे बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक है। फिर भी यहां के लोग अपने घर के लिए तरस रहे हैं। गाँव के प्रधान का कहना है कि उनकी पीढ़ी तो बीत गयी और उन्हें अभी तक गाँव में एक भी सरकार की तरफ से बनाई गयी कॉलोनी नहीं दिखी। लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि वह खुद घर बनवा सकें।
लोगों का परिवार छोटी से झोपड़ी में रहता है। वहीं दूसरी तरफ गाँव की प्रधान उर्मिला का कहना है कि अभी इन पांच सालों में पांच आवास आये हैं। साथ ही पिछले दो महीनों में 140 लोगों का सर्वे भी किया गया है, जो भी आवास के पात्र है उन्हें उसके अनुसार ही आवास दिया जायेगा। सचिव जयप्रकाश का कहना है कि जिन्हें आवास नहीं मिला, उनका फिर से सर्वे करवाया जायेगा।
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साथ ही जब प्रशासन की तरफ आवास के लिए बजट आएगा तो बाकी बचे हुए लोगों को भी आवास दे दिया जायेगा। सवाल तो यह है कि योजना के पांच साल के बाद सिर्फ पांच आवास ही लोगों को रहने के लिए मिले हैं। साथ ही सर्वे के नाम लोगों की आवास ना मिलने की समस्या को भी बहुत ही आसानी से टाला जा रहा है।