खबर लहरिया Blog Hathras stampede: ‘ज़हरीले स्प्रे के चलते सांस लेने में हुई दिक्कत और मची भगदड़’ – भोले बाबा के वकील, न्यायिक जांच आयोग की भी हुई स्थापना

Hathras stampede: ‘ज़हरीले स्प्रे के चलते सांस लेने में हुई दिक्कत और मची भगदड़’ – भोले बाबा के वकील, न्यायिक जांच आयोग की भी हुई स्थापना

व्यापक और पारदर्शी जांच की गारंटी के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ब्रिजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की स्थापना की गई है। आयोग अगले दो महीनों में भगदड़ की घटना की जांच करेगा और अपने निष्कर्ष राज्य सरकार को सौंपेगा।

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                                                                                 भोले बाबा सत्संग के घटनास्थल की फोटो ( साभार – सोशल मीडिया)

हाथरस में स्वयंभू भोले बाबा/सूरज पाल के सत्संग में भगदड़ मचने के दौरान लगभग 121 लोगों के मरने व 31 लोगों के घायल होने की खबर थी, जिसके बाद बाबा फरार बताये जा रहे थे। बिज़नेस स्टैण्डर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, भोले बाबा कथित तौर पर मैनपुरी के एक आश्रम में रह रहे हैं।

वहीं मामले को लेकर बाबा के वकील एपी सिंह का कहना था कि ज़हरीले स्प्रे के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्क्त हुई और उसके चलते ही भगदड़ मचने से लोगों की जान गई गई है। जनसत्ता की रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया।

वहीं समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक वीडियो बयान में भोले बाबा ने मामले को लेकर कहा है कि, ”…2 जुलाई की घटना के बाद मैं बहुत दुःखी हूं। भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दे। कृपया सरकार एवं प्रशासन पर विश्वास बनाये रखें। मुझे विश्वास है कि अराजकता पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”

रिपोर्ट यह भी बताती है कि आश्रम के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और अधिकारी अंदर बाबा की मौजूदगी के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं।

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मुख्य आरोपी गिरफ्तार

बाबा के वकील के अनुसार, हाथरस भगदड़ घटना का मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर ने शुक्रवार रात दिल्ली में उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मधुकर ‘सत्संग’ में ‘मुख्य सेवादार’ के रूप में कार्यरत था जहां भगदड़ मची थी। साथ ही यह अकेला वह व्यक्ति था जिसके खिलाफ हाथरस के सिकंदर राव पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज़ हुई थी।

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तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की गई स्थापना

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, व्यापक और पारदर्शी जांच की गारंटी के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ब्रिजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की स्थापना की गई है। आयोग अगले दो महीनों में भगदड़ की घटना की जांच करेगा और अपने निष्कर्ष राज्य सरकार को सौंपेगा।

 

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