सत्ता वाली पार्टी जातिगत राजनीति और हिंदू एकता की नीति, एक ओर वोट बैंक मजबूत कर सकती है, लेकिन इसका सामाजिक असर गंभीर हो सकता है। इससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है, जिसका उदाहरण बहराइच जैसी घटनाएं हैं। साथ ही, बांग्लादेश जैसी बाहरी समस्याओं को भारत की राजनीति में लाने से देश में असुरक्षा का माहौल बढ़ सकता है।
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