भी तक क्रिकेट, हॉकी लीग में महिलाओं को शामिल किया गया है लेकिन अभी तक कब्बडी, कुश्ती और मुक्केबाजी जैसे खेलों में लैंगिक असमानता देखी जाती है। प्रो कबड्डी लीग की करंट चैंपियन टीम हरियाणा स्टीलर्स ने 160 युवा लड़कियों और लड़कों दोनों को ही कब्बडी की ट्रैनिंग देने के लिए ‘उड़ान’ प्रोग्राम शुरू करने जा है।
लेखन – सुचित्रा
खेल के क्षेत्र में पुरुष हो या महिला सभी अपनी एक नई पहचान बनाने के लिए खेल से जुड़ने की इच्छा रखते हैं। अब तो प्रीमियर लीग की वजह से कई खेलों ल को महत्व मिलने लगा है और खिलाड़ियों के बारे में भी लोग जानने लगे हैं। हम बात कर रहे हैं उस लीग की जिन्हें आप ने इंडियन प्रीमियर लीग, वीमेन प्रीमियर लीग, हॉकी चैंपियन लीग और प्रो कबड्डी लीग में सुना या देखा होगा। इस खेल में देश के अलग-अलग शहरों-राज्यों की टीमें खेलती हैं।
खेल में महिलाएं भी किसी से कम नहीं है चाहे वो क्रिकेट, कुश्ती, हॉकी या फिर कबड्डी ही क्यों न हो। अभी तक क्रिकेट, हॉकी लीग में महिलाओं को शामिल किया गया है लेकिन अभी तक कब्बडी, कुश्ती और मुक्केबाजी जैसे खेलों में लैंगिक असमानता देखी जाती है। प्रो कबड्डी लीग की करंट चैंपियन टीम हरियाणा स्टीलर्स ने 160 युवा लड़कियों और लड़कों दोनों को ही कब्बडी की ट्रैनिंग देने के लिए ‘उड़ान’ प्रोग्राम शुरू करने जा है । प्रो स्पोर्ट डेवलपमेंट (PSD) और मरथा फर्रेल्ल फॉउंडेशन (MFF) के साथ हरियाणा स्टीलर्स ने उड़ान प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। तो चलिए जानते हैं इस इस प्रोग्राम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
हरियाणा स्टीलर्स क्या है?
हरियाणा स्टीलर्स एक कबड्डी की टीम है जो हरियाणा की तरफ से प्रो कबड्डी लीग में मैच खेलती है। इस टीम का नेतृत्व जयदीप दहिया करते हैं और मनप्रीत सिंह इस टीम के कोच हैं। इस टीम की मालिक JSW sports है।
उड़ान प्रोग्राम क्या है?
उड़ान प्रोग्राम के माध्यम से हरियाणा में पानीपत के ग्रामीण इलाकों से 80 लड़के और 80 लड़कियों को कब्बडी खेल की ट्रेनिंग दी जाएगी। ये लड़के और लकड़ियां पानीपत के सरकारी स्कूलों से चुने जानेंगे। इस प्रोग्राम में खासतौर पर महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया जायेगा और उनके लिए सुरक्षित वातावरण बनाना है। इसके साथ ही लिंग भेदभाव को कम करना है।
उड़ान प्रोग्राम में क्या क्या सिखाया जायेगा?
– कबड्डी कोचिंग
– लाइफ स्किल्स
– लिंग सवेंदनशीलता (लड़का-लड़की में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। हर किसी को बराबर समझना, इज़्ज़त देना और उनके हक़ का ध्यान रखना, यही है लिंग के प्रति समझदारी।)
– किशोर स्वास्थ्य (युवाओं से जुड़े सेहत और खान पान के बारे में जानकारी)
– बाल अधिकार के बारे में जानकारी
इन सभी को सिखाने के साथ-साथ भाग लेने वाले युवाओं को पूरे साल मिक्स्ड जेंडर कबड्डी बेस्ड टूर्नामेंट यानी जिसमें पुरुष और महिला दोनों एक साथ खेलते हैं, समर कैंप और कम्युनिटी प्रोग्राम्स (सामुदायिक कार्यक्रमों) में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
उड़ान प्रोग्राम कब से कब तक?
उड़ान प्रोग्राम अप्रैल 2025 से लेकर मार्च 2026 तक चलेगा। पहले राउंड ऑफ़ सेशंस मई में स्टार्ट होंगे।
खबर लहरिया भी महिलाओं के खेल में हिस्सेदारी को दिखाता है। खबर लहरिया ने उन महिलाओं की कहानी को दिखाया जो ग्रामीण इलाकों से आती हैं। ऐसी ही कहानी है वीमेन प्रीमियर लीग में UP Warriorz (यूपी वारियर्स) की टीम में खेलने वाली क्रांति गौड़ की।
खेलों में दंगल यानी कुश्ती या पहलवानी की बात करें तो अधिकतर हम देखते हैं कि इस खेल में पुरुष ही भाग लेते हैं और कुश्ती लड़ते हैं। भले कुछ जगह महिलाएं भी कुश्ती के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं लेकिन यह फासला ग्रामीण स्तर पर बहुत बड़ा है। उत्तराखंड की रहने वाली कोमल जिनकी उम्र सिर्फ 17 साल है। वह एक महिला पहलवान है।
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लैंगिक असमानता की वजह से ही महिलाओं को कई तरह के खेलों में शामिल नहीं किया जाता क्योंकि आज भी जो सामाजिक सोच है कि लड़कियां शारीरिक तौर पर पुरुषों से कमजोर होती है। इस तरह की विचारधारा को बदलने की आश्यकता है ताकि महिलाएं भी आगे बढ़ें और देश और परिवार का नाम रोशन करें।
इस आर्टिकल में दी गई उड़ान प्रोग्राम की जानकारी JSW स्पोर्ट्स / Jindal Sports World द्वारा जारी किए गए प्रेस रिलीज़ से ली गई है।
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