पूरे भारत देश में हर-घर तिरंगा लगाने का अभियान तेजी से चल रहा है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग और महिलाएँ भी बढ़-चढ़कर भाग लेती नजर आ रही हैं। झंडे के साथ देश भक्ति के गीतों से स्कूल, सड़कें और गलियाओं में काफी रौनक है। ऐसा मैं पहली बार देख रही हूं, क्योकिं सरकार का आदेश है तो सबको मानना भी पड़ेगा न। अरे भाई सरकार का आदेश मानने बस की बात नहीं है लोगों के अंदर अपने देश के प्रति प्यार मोहब्बत है और ये सिर्फ कुछ दिन झंडा लहराने से नहीं हर दिन ऐसा होता है।
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सोशल मीडिया में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वीडियो वायरल हो रहा है, जहां पर वो बोल रहे हैं कि उत्तर प्रदेश का लक्ष्य चार करोड़ से ज्यादा का है और 11 से 17 अगस्त के बीच में बृहद अभियान चलेगा।ढ़ाई करोड़ तिरंगा पूरे उत्तर प्रदेश में, स्कूलों के द्वारा, एनजीओ के द्वारा निजी ट्रेलर्स के द्वारा और जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा बनवाये जा रहे हैं। 13 से 15 अगस्त के बीच में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा होगा। उस अवसर में भारत के हर घर में आन मान और शांति का प्रतीक झंडा हर घर में में दिखना चाहिए।
हम सब झंडा का और अपने देश का सम्मान करते हैं और करते रहेगें। लेकिन इसको लेकर काफी विवाद छिड़ गया है और बिवाद छिड़ना स्वाभाविक है। क्योकिं हर इंसान के पास घर नहीं है तो झंडा कहां पर लगायेगे? कोई भी अभियान को चलाने के पहले सरकार को उसके असर के बारे तो सोचना चाहिए था न। क्योकिं हमारे प्रधानमंत्री जी ने चुनावी रैली में सभा के बीच कहे थे 2022 में भाजपा की सरकार बनने पर हर इंसान के पास घर होगा लेकिन सरकार घर नहीं दे पाई। अब जिनके पास घर नही है वो इंसान झण्डा न लगा पाने से कितना दुखी होगा।
दूसरी बात की अगर आपको झंडा लगवाना है तो आप फिरी झंडा क्यों नहीं दे रहे है? कई ऐसे विडियो सोसल मीडिया में वायरल हो रहें है जिसमें कोटेदार कह रहा है पहले झंडा लो और झंडे का बीस रूपये दो तभी राशन मिलेगा। अब बताइये किसी के पास इस्ट्रा बीस रूपये नहीं है तो आप उसको राशन क्यों नहीं दोगे? राशन से और झंडे से क्या लेना देना है।
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देश की आज़ादी की खुशी मनाने के लिए हम 15 अगस्त मनाते है लेकर अभी भी दिलों में कसक है टेंशन है दुख है तकलीफ है क्योंकि पिछले एक दसक में जिस तरह से लोगों की आजादी छीनी जा रही है वो किसी से छिपी नहीं है।
सरकार ने दावा किया था कि दो करोड़ नौकरियां देगी लेकिन दो करोड़ की बात तो दूर दो हजार नौकरी लोगों को नहीं मिली। झंडा अभियान तभी सफल माना जाएगा सब हर इंसान खुश होगा। हर घर झंडा की जगह हर घर को नौकरी की जरुरत है तो अभियान यह होना चाहिए की हर घर नौकरी मिले।
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