28 अप्रैल 2023 को उतर-प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक गांव में सेम सेक्स मैरेज का मामला सामने आया था जिसमें पूरे क्षेत्र के लोगों ने उन कपल्स को दोषी मानते हुए गांव से निकला दिया।
हमीरपुर के एक गांव में दो लड़कियों में दोस्ती हुई। दोस्ती इतनी गहरी हुई की प्यार में बदल गई। रिश्ते में दोनों मामा और बुआ की बेटियां मतलब बहने हैं। दोनों ने साथ जीने मरने की कसमें खाईं और 28 अप्रैल को राठ के एक मंदिर में जाकर शादी कर ली और कोट में रजिस्ट्रेशन कराया।
हमने इन कपल्स से बात की तो रितेश ने बताया मैं बचपन से अपने नानी के घर रहती थी। सुनीता मेरी मामा की लड़की है। मुझे बचपन से लड़कों के कपड़े लड़कों की तरह रहना बाइक चलाना ये सब पसंद था। गांव में सब लोग मुझे डांटते थे। मेरे मां बाप को कहते ये सब लड़कों के काम है इसे समझाओ पर मैं नहीं मानती किसी की बात मुझे लड़कियां अच्छी लगती हैं, लड़के नहीं।
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ऐसे ही सुनीता से एक साल पहले प्यार हो गया और तीन महीने पहले हम दोनों एक साथ रहने के लिए घर छोड़कर पूना चले गए। वहां सुनीता के मां बाप ने हमें ढूंढ लिया और वापस ले आए। सुनीता के साथ मार पीट की मिलने नहीं देते थे। मेरे घरवाले भी रोक लगा दिए बोले पागल हो गए हो कहीं लड़की लड़की में शादी होती है लेकिन हम नहीं दूसरे के बिना नहीं रह पा रहे थे और हम मौका देख कर 26 अप्रैल को घर से निकल गए और फिर 28 अप्रैल को हमने रजिस्ट्रेशन करा लिया। हम वकील के पास भी गए कोर्ट मैरिज के लिए लेकिन वकील ने कोर्ट मैरिज कराने से मना कर दिया कहा कि अभी कानून ने की परमिशन नहीं दी है।
गांव वालों ने हमें बहुत सारी बातें सुनाई हमें गलत कहा, चरित्रहीन कहा, घर वालों ने भी हमें घर से निकाल दिया। यहाँ कहा की अब हमारे लिए तुम लोग मर गए हो हमारे घर वापस नहीं आना। फिर मैं सुनीता को अपने घर लेकर आ गई यहां भी थोड़ी मुश्किलें आई लोग एक्सेप्ट नहीं कर रहे थे लेकिन प्रधान ने हमारा साथ दिया और फिर घरवालों ने हमारी बात मानी उन्होंने कहा अगर तुम खुश हो फिर हम भी खुश हैं तुम्हारी मर्जी चाहे जैसे रहो।
इस मुद्दे पर जब रितेश की पार्टनर सुनीता से हमने बात की तो सुनीता ने कहा कि हम पहले बहुत लड़ाई लड़ते थे एक दूसरे से बिल्कुल भी हमारी नहीं बनती थी लेकिन पता नहीं चला कि यह हमारी छोटी छोटी सी लड़ाई कब प्यार में बदल गई और हम एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे। तब हमें यह फैसला करना पड़ा है कि हमें एक साथ रहने के लिए कुछ करना होगा।
यह तो लोगों की सोच है जो पहले से चली आ रही है कि शादी सिर्फ लड़की और लड़के में होती है और यह फीलिंग तो कुदरत पैदा करता है। खुद इंसान नहीं अपने आप बना लेता है। जो इंसान की फीलिंग है ऊपर से ही है और मुझे अपने पार्टनर की सारी चीजें अच्छी लगती हैं। वह मुझे पसंद है तो दुनिया क्या कहती है किस तरह की बातें करती है इससे मुझे कोई मतलब नहीं है मैं अपने पार्टनर के साथ खुश हूं और इन्हीं के साथ सारी जिंदगी मै रहना चाहती हूं।
06 सितंबर 2018 को एक ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कहा था कि सहमति से वयस्क समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि समलैंगिकता स्वाभाविक है और लोगों का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है।
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