विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा संविधान को अपनाने और भारत के गणतंत्र बनने की 75वीं वर्षगांठ होने के उपलक्ष्य में कल मंगलवार 16 जुलाई को प्रयागराज में ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ पोर्टल का उद्घाटन किया जाएगा।
संविधान को लेकर राजनीति और सदन में बड़ी उथल-पुथल मची रहती है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विधि एवं न्याय मंत्रालय संविधान को अपनाने और भारत के गणतंत्र बनने की 75वीं वर्षगांठ होने के उपलक्ष्य में कल मंगलवार 16 जुलाई को प्रयागराज में ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ पोर्टल का उद्घाटन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। जिसमें लोगों को अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अभियान भी चलाए जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी पर विपक्ष के नेताओं ने संविधान को लेकर कई आरोप लगाए थे कि वह सत्ता में आएगी तो संविधान को बदल देगी। आए दिन लोकसभा में भी संविधान को बचाने को लेकर बहस होती है। सत्ता पार्टी का मानना है ऐसा वह कभी नहीं चाहती और विपक्ष बस अफवाह फैलाना चाहती है इसलिए झूठा आरोप लगाती है। इसलिए मोदी सरकार ने संविधान को लेकर एक पोर्टल लाएगी जिसमें नागरिकों के अधिकारों के बारे में जानकारी होगी।
प्रेस विज्ञप्ति में इस अभियान के बारे में पूरा पढ़ें – https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2033071
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विधि एवं न्याय मंत्रालय कल मंगलवार 16 जुलाई को प्रयागराज में हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ का पोर्टल का उद्धघाटन करेगी। कानून मंत्रालय ने कहा, “पोर्टल ज्ञान के भंडार के रूप में काम करेगा, जिससे नागरिकों को संविधान और कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जानकारी तक आसान पहुँच मिलेगी।” इस कार्यक्रम में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली शामिल होंगे।
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कार्यक्रम में शामिल लोग
मीडिया रिपोर्ट बताती है कि इलाहाबाद बार के अधिवक्ता, सरकारी वकील, न्यायिक अधिकारी, सामान्य सेवा केंद्र के ग्राम स्तरीय उद्यमी, राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि संस्थान प्रयागराज के कुलपति, संकाय और विधि के छात्र, केंद्र, राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और नागरिकों सहित लगभग 800 प्रतिभागी इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे। इसके साथ कई नागरिक और न्याय विभाग के हितधारक इस कार्यक्रम में डिजिटल रूप से जुड़ेंगे।
आपको बता दें कि टाइम्स ऑफ़ इंडिया की अनुसार, यह अभियान जनवरी में शुरू हुआ था। इस अभियान को अलग-अलग जगह जागरूकता फैलाने के लिए किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न्याय हर घर न्याय, नव भारत नव संकल्प और विधि जागृति अभियान जैसे उप-अभियानों का आयोजन और उन्हें लोगों तक पहुंचना है।
नागरिकों को पोर्टल में भाग लेने की अपील
इस अभियान में नागरिकों का भी योगदान हो, इसके लिए पोर्टल पर सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। कानून मंत्रालय अधिवक्ताओं को विभिन्न बार और विधि विश्वविद्यालयों के वकीलों के एक निःशुल्क पैनल के लिए पंजीकरण की सुविधा दी है। मंत्रालय ऐसे वकीलों को जो अभियान में अपनी भागीदारी निभाते हैं उनके लिए पुरस्कारों के माध्यम से मान्यता भी देता है ताकि अन्य लोग निःशुल्क सेवाओं के लिए नामांकन करने के लिए आगे आएं। सरकार के अनुसार, लोगों को मिले अधिकारों के बारे में लोग कम जानते हैं इसलिए इस अभियान में वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे।
कहा जा रहा है कि ऐसा सरकार इसलिए कर रही है ताकि वह संविधान को लेकर लगाए आरोपों का जवाब दे सकें लेकिन इस तरह के अभियान चलाना कहां तक सही है? सत्ता में आने के लिए चुनाव में कई बयान सुनने को मिलें जहां संविधान बदलने के बात की गई और आरक्षण ख़त्म करने का चुनावी मुद्दा बनाया गया। अब इस अभियान की आड़ में क्या सच में सत्ता अपने ऊपर लगाए आरोपों को छुपा लेगी?
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