बलात्कार के आरोप में जेल में सजा काट रहे 52 वर्षीय ‘गुरमीत राम रहीम सिंह’ को अब 2002 में एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बताया जा रहा है कि हरियाणा के सिरसा में राम रहीम के आश्रम में महिलाएं के खिलाफ हो रहे यौन शोषण को मीडिया में प्रकाशित करने के बाद पत्रकार की हत्या कर दी गई थी।
डेरा सच्चा सौदा के तेजतर्रार प्रमुख, जिन्हें उनकी अतरंगी वेशभूषा और अत्याधुनिक मोटरसाइकिलों के शौकीन होने के कारण “गुरु इन ब्लिंग” के नाम से जाना जाता था को, अगस्त 2017 में बलात्कार के अपराध में दोषी करार कर दिया गया था। वह अब रोहतक की सुनारिया जेल 20 साल की सजा काट रहे हैं।
उनकी पहली गिरफतारी को लेकर देश के चार राज्यों में उनके भक्तों द्वारा कई दंगे भी किये गये थे। जिसके चलते पुलिस ने इस बार पंचकूला और सिरसा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में, डेरा अनुयायियों ने सरकार के फैसले को लेकर काफी विरोध जताया था। जिसके चलते इन सभी जगहों पर हुए हिंसात्मक हमलों में 38 लोगों की मौत, 200 से अधिक घायल और करोड़ों की संपत्ति का बर्बरता देखने को मिली थी। इन सबके बीच दिल्ली के नजदीक भी एक बस को जला दिया गया था।
कल, हरियाणा के पंचकुला में विशेष अदालत ने हरियाणा सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर गुरमीत राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सजा सुनाई है। जिसके चलते पंचकुला कोर्ट परिसर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
राम रहीम के करीबी तीन अन्य लोग, जिन्हें पिछले शुक्रवार को हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था – को भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये आज सज़ा सुनाई जाएगी।
यह मामला, जिसमें राम रहीम को मुख्य साजिशकर्ता नामित कर 2003 में दर्ज किया गया था, उसे 2006 में केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया था। तीन अन्य दोषी – कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को अंबाला जेल में रखा गया है।