कोरोना मरीजों का बढ़ता ग्राफ़ :कोरोना वायरस संक्रमण का बढ़ता ग्राफ और भी ज्यादा भयावह होता दिख रहा है। देश में कोरोना मरीजों की संख्या लॉकडाउन 3.0 के बाद भी तेजी से बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार 12 मार्च की सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक विश्व भर में कोरोना मरीजों की संख्या 4,255,942 है, भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 70,756 हो गई है। जबकि 2,293 लोग कोरोनावायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। बीते 24 घंटे की बात करें तो पूरे देश में 3,604 नए मरीज सामने आए हैं, वहीं इस दौरान 87 लोगों की मौत कोरोनावायरस से हुई है। इसी बीच राहत की खबर यह है कि 22,455 लोग कोरोनावायरस को मात देने में कामयाब हुए हैं।
चीन से फैले कोरोना वायरस ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचा दिया है। लगातार बढ़ते मरीजों के आंकड़े लोगों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। लोगों के अंदर भय बना हुआ है की आखिर कब होगा इसका खात्मा और हम फिर से उसी स्थिति में आ पाएंगे जो पहले सब सामान्य था पर इसका जवाब कौन देगा?
अगर हम ग्राफ में देखें तो वो दिन दूर नहीं जब इटली के बराबर भारत में मरीजों के आंकड़े हो जायेंगे। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के कारण शहर में फंसे उत्तर प्रदेश के मजदूरों को वापस भेजने के लिए प्रशासन की ओर से विशेष ट्रेन रवाना की गई है।शहर और आसपास में उत्तर प्रदेश और बिहार के हजारों मजदूर कई तरह के कार्य करते हैं। लॉकडाउन के कारण ट्रेन और बसें बंद हो जाने से काफी संख्या में लोग यहां पर फंस गए थे। ऐसे में इन लोगों को इनके घरों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गई है। लेकिन मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है है की अब तक कोरोना मरीजों संख्या शहरों में ज्यादा थी लेकिन अब ग्रामीण स्तर पर बढ़ोत्तरी होगी, क्योंकि शहरों में रह रहे मजदूरों की मजदूरी छिन गई रोजी रोटी छिन गई जिससे मजदूर घरों की तरफ रुख किये हैं इसका असर ये होगा की ग्रामीण स्तर पर मरीजों की संख्या बढ़ेगी इसका एक कारण ये भी है की यहाँ से जाने वाले लोगों की सही तरीके से जाँच नहीं हो रही है। अगर लोकडाउन करने से पहले मजदूरों को घर वापसी का ऐलान हुआ होता तो आज कोरोना का विकराल रूप देखने को न मिलता।