भारत में एसिड हमलों के मामले घटने के बदले लगातार बढ़ रहे हैं. सख्त कानून बनाने के बावजूद एसिड हमलों पर अंकुश लगाने में सरकार विफल रही है। ताज़ा मामला उत्तर-प्रदेश के बहराइच और रामपुर से सामने आया है। रामपुर जिले में मुकदमे में समझौते से इनकार करने पर एक युवती पर तेजाब फेंक दिया गया। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। वहीं बहराइच में 17 साल की लड़की पर 21 दिसंबर की शाम उस वक्त एसिड अटैक किया गया जब वह कोचिंग से घर जा रही थी। बताया जा रहा है इंटरमीडिएट की छात्रा पर उसके कोचिंग सेंटर के पास एसिड फेंका गया। छात्रा 54 प्रतिशत झुलस चुकी है। पीडिता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आरोपी पक्ष समझौते के लिए बना रहा था दबाव
एसिड अटैक का ये मामला रामपुर के स्वार थाना क्षेत्र का है। न्यूज़ 18 हिंदी में छपी खबर के अनुसार पीड़िता ने बताया है कि बलात्कार के एक केस में आरोपी पक्ष उस पर समझौते का दबाव बना रहा था। जब पीड़िता ने समझौते से इन्कार कर दिया तो आरोपी पक्ष के फैसल, रफत और अन्य युवक ने मिलकर उस पर एसिड अटैक कर दिया। एसिड अटैक के दौरान तेजाब युवती के गले पर गिरा है, जिससे वो झुलस गई। पुलिस के अनुसार केस दर्ज कर लिया गया है, जांच की जा रही है। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
बहराइच कोतवाली नगर क्षेत्र के मोहल्ला नाजिरपुरा निवासी एक 17 वर्षीय इंटरमीडिएट की छात्रा सोमवार को कोचिंग पढ़ने के लिए मोहल्ला काजीपुरा में गई हुई थी। देर शाम वह पैदल ही घर वापस लौट रही थी। कोतवाली नगर के ही पीपल तिराहा से दुलदुल हाउस जाने वाले रास्ते पर छात्रा पहुंची थी, तभी अचानक एक युवक ने उसे रोक लिया। जब तक कोई कुछ समझ पाता, युवक ने हाथ में पकड़ी तेजाब से भरी बोतल उसके ऊपर फेंक दी। तेजाब छात्रा के चेहरे, सीने के हिस्से और हाथ पर पड़ा। तेजाब पड़ने से छात्रा गिरकर तड़पने और चीखने लगी। जिसके बाद आसपास के लोग एकत्र हो गए। तब तक युवक फरार हो गया था। बताया जा रहा है कि छात्रा से चार महीने पहले आरोपी की अनबन हुई थी। छात्रा की दोस्ती को पाने के लिए अंधविश्वास में आकर अनजाने में आरोपी छात्र ने उस पर तेजाब फेंका था। पुलिस ने आरोपी छात्र को मंगलवार शाम गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है
बयान दर्ज कर की जाएगी कार्यवाई
घटना की सूचना पाकर पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर त्रयंबक नाथ दूबे और नगर कोतवाल अरुण द्विवेदी मौके पर पहुंच गए। नगर कोतवाल ने बताया कि अभी छात्रा का इलाज चल रहा है। उससे बात नहीं हो पा रही है। उसका बयान दर्ज करने के बाद जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है कानून
एसिड हमले की घटनाएंतो देश में पहले से ही होती रही हैं। लेकिन वर्ष 2013 में एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी घटनाओं को गंभीर अपराध माना था। शीर्ष अदालत ने तब सरकार, एसिड विक्रेता और एसिड हमलों के पीड़ितों के लिए दिशानिर्देश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के मुताबिक एसिड सिर्फ उन दुकानों पर ही बिक सकता है जिनको इसके लिए पंजीकृत किया गया है। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी बाजार और दुकानों में खुलेआम धड़ल्ले से एसिड बिकता है। वर्ना लोगों को कहाँ से मिल रहा है एसिड?
क्या है आईपीसी की धारा 326 A
उस याचिका पर फैसले के बाद सरकार ने भारतीय दंड संहिता में 326 ए और 326 बी धाराएं जोड़ी थीं। आईपीसी की धारा 326 a में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति ने जानबूझ कर किसी अन्य व्यक्ति पर तेजाब फेंकी और उसे स्थाई या आंशिक रूप में नुकसान पहुंचाया तो इसे एक गंभीर जुर्म माना जाएगा. अपराध गैर जमानती होगा। दोषी को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है। 326 A में यह भी प्रावधान है कि दोषी पर उचित जुर्माना भी होगा और जुर्माने की रकम पीड़िता को दिया जाएगा।
आईपीसी की धारा 326 B
इस धारा का संबंध एसिड अटैक के प्रयास से है. इस कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति ने अगर किसी दूसरे व्यक्ति पर तेजाब फेंकने का प्रयास किया है तो यह एक संगीन अपराध है। यह अपराध गैर जमानती है। इसके लिए दोषी को कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है और दोषी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
Dw.com वेवसाइट में छपी एक खबर के अनुसार गैर-सरकारी संगठन स्टाप एसिड अटैक्स के आशीष शुक्ल बताते हैं, “देश में हर साल 250 से तीन सौ ऐसे मामले दर्ज किए जाते हैं। लेकिन इनमें से कई घटनाएं पुलिस तक नहीं पहुंचतीं। एसिड सर्वाइवर फाउंडेशन आफ इंडिया के संयोजक डी. रायचौधरी कहते हैं, “ऐसे ज्यादातर मामलों में अभियुक्तों की ओर से पीड़िता और उसके परिजनों को पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दी जाती है। इस वजह से खासकर पिछड़े तबके के लोग पुलिस के पास नहीं जाते।”