यह देख अफसरों में अफरा-तफरी मच गई। वहां पहुंचे आला-अधिकारियों ने सड़क बनवाने की गारंटी दी तब ग्रामीण मतदान करने के लिए तैयार हुए। इसके बाद 9 जून दिन रविवार को तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम गांव पहुंची और सड़क निर्माण को लेकर सर्वे व पैमाइश किया। इससे ग्रामीणों में उम्मीद तो जगी है, लेकिन जब तक सड़क बन नहीं जाती तब तक भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
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