जाति उत्पीड़न आज भी बड़ी समस्या है आज भी गरीब लोगों का विकास कम लेकिन जाति के नाम पर उत्पीड़न ज्यादा देखने को मिलता है। देश तो आजाद हो गया लेकिन यहां के लोग जातिवादिता के भेदभाव से आजाद नहीं हो पाए हैं। हमारी सरकारें अब तक यह बात नहीं सोच पाई हैं कि जितना शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क इत्यादि में सुधार और बदलाव की जरूरत है, उतना ही जातिवादी समाज में भी।
50 प्रतिशत जनसँख्या को चुनावी लिस्ट में दिखाया शून्य
वाराणसी जिले में शास्त्री घाट पर गोंड खरवार जाति के उत्पीड़न को रोकने के लिए धरना दे रहे हैं। लोलारख राम गोंड क्रांति संगठन मंत्री एवं जिलाध्यक्ष गोंड महासभा का कहना है कि संसंद द्वारा पारित अध्यादेश सन 2002 के पश्चात महामहिम राष्टपति महोदय द्वारा जारी अधिसूचना व सन 2003 में केन्द व राज सरकार द्वारा जारी शासन देश के पश्चात गोंड खरवार, धुरिया, राजगोंड आदि जातियो को पूर्वांचल के 13 जिलो में अनुसूचित जनजाति की श्चेणी मे रखा गया है। और इन जातियो को सभी जातियो कि भांति सवैधानिक सुविधाए देने का प्रावधान है, परन्तु दुर्भाग्यवश सन 2003 से अब तक जनजाति समाज को कुछ भी लाभ नहीं दिया गया।
लोलारख राम गोंड का कहना है कि अपने संबैधानिक अधिकारों की प्राप्ति हेतु निरंतर आंदोलनों का सहारा लेना पड़ रहा है। जबकि गोंड व खरवार जाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र सहित अन्य संबैधानिक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए सितम्बर 2009 में जिला मुख्यालय पर 18 दिवसीय आमरण अनशन किया गया था। जिसमें शासन से अनुरोध किया था कि जाति प्रमाण पत्र सहित अन्य समस्याओं का समाधान काराया जाये लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है इसलिए दुबारा धरने पर बैठे हैं।
बबलू गोंड का कहना है कि हम लोगो का हर तरफ उत्पीड़न किया जाता है। कोई हक और अधिकार हमें नहीं मिलते। हम लोग दाना भूजकर अपनी आजीविका चलाते हैं। चहेटु गोंड का कहना है कि देश तो आजाद हो गया है लेकिन आज भी हम लोगो को कोई हक नही मिल रहा है। कई बार तो हम लोगो ने मांग भी किया लेकिन हम गरीबों की कोई सुनवाई नही है।
क्या हैं मांगे?
1-अन्य जातियों की भांति गोंड व खरवार जनजाति के लोगों को ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाये। शोषण बंद किया जाये।
2- पुराने सर्टिफिकेट को रिनुवल कराया जाये। गोंड जाति के लोगों से ईर्ष्यावश अन्य जाति के लोग गलत साक्ष्यो के आधार पर जाति प्रमाण पत्र निरस्त कराने हेतु आए दिन शिकायत पत्र देते रहते हैं। और गोंड जाति के लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं।
3-आगामी पंचायत चुनाव में गोंड खरवार जाति के लोगों की जो सूची बनाई गई है उसमें लगभग 50 प्रतिशत गाँवो में गोंड व खरवार जनजाति की जनगणना शून्य दरशाई गई है इसे अभीलम्ब चुनाव से पहले ठीक कराया जाए।
4-गोंड जाति के लोगों पर दर्ज फर्जी मुकदमों से सत्यता उजागर करने के लिए विवेचना कराई जाये।
5- भूमि संबधी लंबित विवादों को तुरंत निस्तारित कराया जाए।
6-महामहिम राष्टपति महोदय द्वारा जारी अधिसूचना व सरकार द्वारा जारी शासनदेश के बाद तहसीलों में जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए हैं उनकी जाँच कराई जाए।
इन सब समस्याओं को लेकर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया गया है अगर मांगे पूरी नहीं होंगी तो दुबारा अनशन पर बैठेगे। इस मामले में मजिस्ट्रेट अमृता सिंह का कहना है कि इस पत्र को महामहिम तक पहुँचाया जाएगा।
यह आर्टिकल सुशीला द्वारा रिपोर्ट और ललिता द्वारा लिखा गया है