जिला चित्रकूट| कौन कहता है कि खेती घाटे का सौदा है.अगर हौसला बुलंद हो और संघर्ष हो तो पाठक जैसे बंजर जमीन में भी सोना उगाया जा सकता है| हां जी और यह है सच कर दिखाया है मानिकपुर ब्लाक के रैपुरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले कटनी कटनासा मजरा की महिला किसान गोमती ने, आज वहां उस एक एकड़ बंजर जमीन में काले बासमती धान की फसल लहलहा रही है और खेत की सुंदरता बढ़ा रही है जो देखते ही बनता है|
गोमती बताती है कि वह बहुत ही मुसीबत की मारी और गुजरी हुई है पहले जब उनका बंटवारा हुआ था सास-ससुर से और खेती मिली थी तो उनके पास कुछ भी संसाधन नहीं था पर इसके सहारे रहते थे और थोड़ा बहुत खेती में ज्वार बाजरा चना जैसी सूखी फसल करते थे| जो साल भर के खाने तक के लिए नहीं पूछता था और काफी दिखते होती थी पासी में वही 3 बीघे बंजर जमीन पड़ी हुई थी लेकिन जब वह अजीब कमीशन से जुड़ी और धीरे-धीरे संघर्ष करने लगी तो उसकी मेहनत रंग लाई|
3साल पहले हुए हैं गांव के एक सहायता समूह से जुड़ी| उस उस समूह के तहत उसने ट्रेनिंग ली और खेती किसानी के बारे में उसे बहुत कुछ बताया गया और पहले से भी वह एक खेती करने वाले किसान थी तो उसको काफी आईडिया भी था| तभी उसने लधु सिंचाई विभाग से संपर्क कर अपने खेत में एक सरकारी कुआं खोदवाया और उसके पास पानी का अच्छा साधन हो गया| उसने अपनी बंजर पडी़ जमीन में काला बासमती धान उगना शुरू किया| गोमती बताती है कि ट्रेनिंग से उसको काफी अनुभव हुआ और जीरो बजट में खेती करना बताया गया तभी उसने 3 साल पहले मणिपुर से काले बासमती धान का बीज मंगाया था|
उसको प्रयोग के तौर पर एक बीघे में धान की रोपाई की और उसे लाभ हुआ| आज वह पूरे 1 एकड़ में जीरो बजट खेती का कर रही है और अच्छा गाना गा रही है जिससे वह बहुत ही खुश हाल है उसका कहना है कि वह अपने हाथों से ही देसी खाद बनाती है उसके पास 10 गाय हैं और बैल भी हैं उसको समूह के तहत किचन गार्डन सहित और भी कई तरह की चीजें सिखाए गए हैं जो वह आगे करेगी उसका कहना है कि मैं समूह में जुड़ने और खेती के माध्यम से ही आज यहां तक पहुंची हूं और आगे भी बनूंगी भले ही लोग कहते हो कि खेती घाटे का सौदा है लेकिन उसको ऐसा नहीं लगता खेती से ही वह अपने पूरे परिवार का भरण पोषण कर रही है और अच्छे से उसका परिवार चल रहा है खुशहाल है और आज उसके पास सब कुछ है जो एक घर गृहस्ती और परिवार के लिए चाहिए होता है|