आज मैं एक ऐसे मुद्दे पर बात करने वाली हूं जिसको देख और समझ सब रहे हैं लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। या तो लोग डरे सहमे हैं या इससे खुश हैं, मजा ले रहे हैं। कोई नाराज़ हैं तो कईं ऐसे भी हैं जिन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। सड़क चौड़ीकरण के नाम से शुरू हुआ मस्जिदों की खुदाई जो सम्भल से होते हुए हाजी अली मस्जिद तक पहुंच गई है। आगे पता नहीं कहां तक जाने वाली है क्योंकि यह खुदाई अब बेलगाम हो चुकी है।
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