बुंदेलखंड में आज भी परंपरा चले आ रहे हैं महबूली खेलने कीदेश में 15 दिन बड़े उत्साह के साथ महबुलिया खेल रहे हैं बुंदेलखंड की लड़कियां
15,9,2019 को लड़कियां मां बुलियां खेलना शुरू किया है और 28,9, 2019 तक खेली जाएगी महबुलिया जो बहुत सारे त्योहारों के इतिहास बताते हैं रामराजा विश्वकर्मा का कहना है कि यह मोह बुलिया अपने बुंदेलखंड की परंपरा है तो खेली जा रही हैं 15 दिन लेकिन लेख में नहीं है कि इसका इतिहास कुछ पर बस यही है कि परंपरा के उसमें ही खेले जाते हैं जो आज भी कायम हैं लड़कियों को तो फूल इकट्ठा करने के उससे रात में सो तक नहीं आता है कि कोई और ना फूल तो ले जाए क्योंकि अपने अपने महाबुलिया आको सजने को बहुत उत्साहित रहती हैं कि कितने फूल मिल जाएं कितने अच्छे हमारी महबुलिया सजाई जमे लड़कियां कहती थी कि पहले हमारी बुआ फिर हमारी दीदी और अब हम खेल रहे हैं जैसे हमने देखा है पहले से वैसे आज भी हम खेल रहे हैंउसमें बच्चियां चने और दिल और पंजीरी लाई लेकर महबुलिया पूछती हैं और पूछ कर सबको प्रसाद बांटते हैं
और बम बोल के कांटा में 11 फूल सजाते हैं सजा के फिर ताला में जाते हैं वहां पर गोबर से लिखती हैं और फिर आटा के जून से चौक होती हैं फिर अपना मामू लिया का कार्यक्रम करती हैं