भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए गौतम नवलखा को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली राहत के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
1 अक्टूबर को कोर्ट ने गौतम नवलखा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनकी नजरबंदी खत्म करने का निर्देश दिया था।
वहीं, गिरफ्तारी खत्म करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में ट्रांजिट रिमांड रद्द करने और हाउस गिरफ्तार हटाने के फैसले को चुनौती दी गई है और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर तुरंत घर पर गिरफ्तारी के आदेश बहाल करने की मांग की गई है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा को नजरबंदी से रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि उनकी हिरासत कानून के तहत असमर्थनीय है। कोर्ट ने कहा था कि सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की नजरबंदी का कानून के मुताबिक कोई औचित्य नहीं है, इसलिए उन्हें आजाद किया गया है।
हालांकि हाई कोर्ट की पीठ ने कहा था कि महाराष्ट्र पुलिस कानूनी प्रावधानों के मुताबिक नवलखा के खिलाफ मामले में नए सिरे से कार्रवाई करने के लिए मुक्त है।