उत्तर प्रदेश में किसानों को अन्ना जानवर से छुटकारा दिलाने के लिए योगी सरकार ने सबसे महत्वकांक्षी योजना का ऐलान किया था। जिसमे घर गाँव मे गौशाला और ग्राम पंचायत और नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत में कान्हा गौशाला बनने के बजट भेजा गया था। जिसका उद्घाटन 26 जून 2020 को हुआ था। महोबा जिला के कबरई पहरा रोड पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से कान्हा गौशाला का निर्माण कराया था। जिसका उद्धघाटन जिले के भाजपा सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने फीता काटकर किया था। जिससे किसानों के फसल बर्बाद ना हो और किसान उन्नति कर सके।
आइए जानते हैं यह गौशाला कितने एकड़ जमीन और कितनी लागत से बनी है
कबरई में कान्हा गौशाला एक करोड़ साठ लाख लागत के बनी हुई है। जो 4 एकड़ जमीन में इसकी स्थापना की गई है। इस गौशाला में लगभग पांच सौ अन्ना जानवर रखने की सुविधा ब्यवस्था की गई थी। पर यह गौशाला किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रही है। लगभग दो महीना बीत जाने के बाद भी उस गौशाला में एक भी अन्ना जानवर नही बन्द किये गए।
सरकार ने भले ही किसानों को अन्ना पशुओ से निजात दिलाने के लिए हर ग्राम पंचायत में गौशाला बनवा दी हो। लेकिन महोबा जिले में किसानों की समस्याएं जैसी की तैसी बनी हुई है। अन्ना जानवर आज भी किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं।
अन्ना जानवरो से परेशान होकर किसानों ने लगाया जाम
24 अगस्त 2020 को महोबा जिले के कई गाँव के किसानों ने अन्ना जानवरों से परेशान होकर सैकड़ो अन्ना जानवरो को लेकर कानपुर सागर राष्ट्रीय राजमार्ग में खड़ा कर जाम लगा दिया था। जिससे सैकड़ो वाहन जाम में फंस गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँच कड़ी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया।
क्या क्या है कान्हा गौशाला में जानवरों के लिए सुविधा
कबरई पहरा रोड पर बनी करोड़ो की लागत से कान्हा गौशाला में डॉक्टरों के लिए रूम बनवाये गए है। उजाले के लिए सोलर लाइट लगवाई गई है। जानवरो को पानी पीने के लिए बोर करवाया गया गया है, छाया के लिए टीन शेड लगवाए गये है।
क्या क्या सुविधा ज़रूरी है पर अभी तक नही है
अन्ना जानवरों के खाने के लिए अभी तक भूसा नही पहुँचा है, और न ही वहां कोई देखरेख के लिए चरवाहों की ब्यवथा की गई है। जिससे यह गौशाला अपने आप मे अनाथ के रूप में शोपीस बनकर खड़ी है। गौशाला का उद्घाटन कर भले ही सरकार वाह वाह लूट रही हो। पर किसान आज भी परेशान है।
अन्ना जानवरो को लेकर क्या है किसानों का कहना
महोबा जिला, गाँव मामना के किसान भवानीदीन ने बताया कि जो सड़क पर अन्ना जानवर है, इनके लिए योगी सरकार ने हर ग्राम पंचायत में गौशाला व हर नगर पंचायत व नगर पालिका में करोड़ो रूपये से कान्हा गौशालाएँ बनवाई है। पर ये सब गौशालाएं शोपीस बनकर रह गयी है। क्योकि किसी भी गौशालाओ में अन्ना जानवर नही है। सभी जानवर खुले में घूम रहे है।
मामना गाँव की महिला किसान मायादेवी ने कहा कि ये जानवर जिस किसान के खेत पर पहुँच जाते है पूरी फसल खा जाते हैं। जिससे परेशान होकर हम लोगो ने अन्ना जानवरो को लेकर जाम लगाया था। पर अन्ना जानवरो से छुटकारा पाने के लिए कोई ठोस अस्वाशन नही मिला।
पलका गाँव के किसान दीनदयाल ने कहा कि अन्ना जानवर खुले में घूम रहे है। जिससे खेत की फसल खा रहे है। गाँव की गौशाला में कोई सुविधा नही है। न ही प्रधान कोई बात सुनता है।
मामना गाँव का किसान रामभरोसी ने बताया कि जब गौशाला बन रही थी, तब जानवरों को उसमे रखने की बात कर रहे थे, लेकिन जब गौशाला बन गयी तो अब उसमे अन्ना जानवरो को रखने से मना कर रहे हैं। हम लोग रात दिन भूखे प्यासे खेतो में पड़े रहते है।
बुंदेलखंड के किसानों का हाल
बुन्देलखण्ड का किसान वैसे ही एक दशक से दैवीय आपदाओ की मार झेल रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सबाल यह उठता है कि कागजी तौर पर अन्ना जानवर गौशालाओ मे बंद है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। आखिर जिला प्रशासन अन्ना जानवरो के लिए सजग क्यो नही है। क्यो किसानो की फसल बर्बाद करने में लगा हुआ है और मजबूरन किसानों को सड़क पर उतरना पड़ता है।