लगभग 15 साल पहले एक महिला पत्रकार ने टीवी एंकर और पत्रकार गौरव सावंत पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। विद्या कृष्णन की ये कहानी समाचार पत्रिका “द कारवां” द्वारा एक लेख में प्रकाशित की गई थी। जिसमे आरोप लगाया गया था कि एक असाइनमेंट के दौरान सावंत द्वारा उनके साथ छेड़छाड़ की गई थी।
सावंत, जो अब इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक हैं, ने ट्वीट करते हुए कहा है कि कारवां लेख “गैर जिम्मेदार, आधारहीन और पूरी तरह से झूठा” है। उनका ये भी कहना है कि, “मैं अपने वकीलों से बात करके पूरी कानूनी कार्रवाई करवाऊंगा। मेरे जिस भी दोस्त, परिवार या दर्शक ने इसके प्रति समर्थन जताया है, में उन सभी का आभारी हूँ”।
एनडीटीवी, सावंत के वर्तमान नियोक्ता इंडिया टुडे तक पहुंचे, जिन्होंने कहा: “लेख काफी चिंताजनक है। दुर्भाग्य से, वो इस पर टिप्पणी करने या इस मामले की जांच करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि गौरव सावंत 2003 में उनके साथ काम नहीं करते थे। फिर भी, सावंत को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। आरोपों को पूरी तरह से खारिज करने के अलावा, उन्होंने हमें सूचित किया है कि वे कानूनी उपचार लेने के लिए वकीलों से परामर्श कर रहे हैं”।
द हिंदू की संपादक विद्या कृष्णन ने कहा कि ये घटना तब हुई जब वो द पायनियर के साथ जुड़कर पहली बार इस पेशे में काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि तब वो अपने असाइनमेंट के चलते पहली बार भारतीय सेना द्वारा आयोजित ब्यास, पंजाब में एक सैन्य स्टेशन पर शांति-समय ड्रिल को कवर कर रही थी।
सावंत, उस समय पहले से ही एक प्रसिद्ध रक्षा संवाददाता थे और वह उस यात्रा पर उनके साथ भी थे। वह सैन्य वाहन में एकमात्र महिला थी जिसमें पत्रकारों की टीम यात्रा कर रही थी। कृष्णन कहती हैं कि सावंत उनके पीछे बैठे थे और एक समय पर वो उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश भी कर रहे थे।
उन्होंने द कारवां के लेख में बताया कि उस स्थिति पर उनके कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। उस समय, सबके सामने इस बात को बताने का वो सहस नहीं जोड़ पाई थी। और उसी शाम को उनके साथ दुष्कर्म भी हुआ।
उन्होंने पायनियर के प्रबंधक टीम से इसकी शिकायत नहीं की और वहां के संपादक और पूर्व राज्यसभा सदस्य चंदन मित्रा से संपर्क करने में भी वो अनिच्छुक दिखाई पड़ी, क्योंकि खुद को छोटा समझ वो इतनी बड़ी हस्ती पर आरोप लगाने से डर रही थी।
कृष्णन के आरोप #MeToo कहानियों के ज़रिये सामने आए हैं। #MeToo ने तनुश्री दत्ता के 2008 में यौन उत्पीड़न के मामले में अभिनेता नाना पाटेकर पर आरोप लगाया था, जिसके चलते ये पूरे भारत में प्रचलित हो गया था।
#MeToo के ज़रिये मीडिया, मनोरंजन, राजनीतिक और कला की दुनिया में कई पुरुषों पर यौन उत्पीड़न से लेकर बलात्कार के आरोप लगाए गए हैं।