पीएम के तौर पर चुने जाने के बाद अटल ने अपने एक भाषण में देश की प्राथमिकताओं में शिक्षा, मुद्रास्फीति, फ्रांसीसी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण और युवा विकास के बारे में बात की। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा पर ज़ोर डालते हुए कहा कि शिक्षा “हमारी लड़ाई की जननी, जो हमारी प्राथमिकताओं के केंद्र में होनी चाहिए।”
गेब्रियल अटल (34), Gabriel Attal फ्रांस के सबसे युवा व पहले गे/समलैंगिक (gay) प्रधानमंत्री नियुक्त किये गए हैं। इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने 9 जनवरी को पूर्व में शिक्षा मंत्री रहे अटल को प्रधानमंत्री की ज़िम्मेदारी सौंपी। रिपोर्ट्स बताती हैं कि मैक्रों ने यह कदम इसलिए उठाया, क्योंकि वह फ्रांस में होने वाले राष्ट्रपति यूरोपीय संसद चुनाव में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए एक मजबूत दावेदारी पेश करना चाहते हैं।
हाल ही में किये गए जनमत सर्वेक्षण में यह सामने आया कि अटल देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक हैं।
???????????? “A few hours ago, I was able to hear the youngest president in history appoint the youngest prime minister in history,” says #GabrielAttal as he takes over the job as #France‘s prime minister from #ElisabethBorne ???? pic.twitter.com/Z7IwfyromV
— FRANCE 24 English (@France24_en) January 9, 2024
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक़, अटल फ्रांस के अब तक के सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री और इस पद पर सेवा देने वाले पहले खुले तौर पर समलैंगिक व्यक्ति होंगे – जो उन्हें दुनिया के सबसे प्रमुख और शक्तिशाली एलजीबीटीक्यू राजनेताओं में से एक बना देगा।
घोषणा के बाद मैक्रों ने X पर लिखा, “मुझे पता है कि मैं आपकी ऊर्जा और आपकी प्रतिबद्धता पर भरोसा कर सकता हूं।”
प्रधानमंत्री के रूप में, अटल पर एक नई सरकार बनाने और राष्ट्रपति के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले कानून के पारित होने को सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी रहेगी। हालाँकि, अधिकांश शक्तियाँ फ्रांसीसी राष्ट्रपति पद के पास रहती हैं।
मैक्रों की अपने कार्यकाल से उम्मीदें
अलजज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अटल ने फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न की जगह ली। बोर्न ने कैबिनेट फेरबदल के बीच सोमवार 8 जनवरी को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। वहीं इस्तीफे की एक अन्य वजह नए इमिग्रेशन कानून पर हालिया राजनीतिक तनाव को भी माना जा रहा है। इसके साथ ही मैक्रों को अपने राष्ट्रपति पद के अंतिम तीन वर्षों में नई गति देने की उम्मीद है।
इन मुद्दों पर काम करेंगे नए पीएम अटल
पीएम के तौर पर चुने जाने के बाद अटल ने अपने एक भाषण में देश की प्राथमिकताओं में शिक्षा, मुद्रास्फीति, फ्रांसीसी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण और युवा विकास के बारे में बात की। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा पर ज़ोर डालते हुए कहा कि शिक्षा “हमारी लड़ाई की जननी, जो हमारी प्राथमिकताओं के केंद्र में होनी चाहिए।”
आगे कहा, “प्रधानमंत्री के रूप में, मैं इसकी सफलता के लिए सभी आवश्यक साधन समर्पित करूंगा। सरकार के प्रमुख के रूप में यह मेरी पूर्ण प्राथमिकताओं में से एक होगी।”
अटल का राजनीतिक सफर
अलजज़ीरा की रिपोर्ट बताती है, अपने युवावस्था के दौरान अटल का फ्रांसीसी राजनीति में एक लंबा इतिहास रहा है व अभी भी है। 17 साल की उम्र में वह सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गए थे। 2016 में वह के मैक्रों के नव निर्मित राजनीतिक आंदोलन में शामिल हुए। इसके बाद कोविड19 के दौरान 2020 से 2022 तक सरकारी प्रवक्ता के रूप में किया। जुलाई में 2023 शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्हें बजट मंत्री नामित किया गया था, जो फ्रांसीसी सरकार में सबसे प्रतिष्ठित पदों में से एक था।
शिक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान अटल ने फ्रांसीसी पब्लिक स्कूलों में अबाया (यह मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला पोशाक होता है) पहनने पर पाबंधी लगाई थी जोकि काफी विवाद से भरा हुआ था।
उन्होंने कपड़ों से ध्यान हटाने और स्कूल में बदमाशी (bullying) को कम करने के लिए कुछ पब्लिक स्कूलों में यूनिफार्म के साथ प्रयोग करने की योजना भी शुरू की।
श्री अटल ने हाल ही में राष्ट्रीय टेलीविजन टीएफ1 पर विस्तार से बताया कि कैसे उन्हें मिडिल स्कूल में बदमाशी का सामना करना पड़ा, जिसमें होमोफोबिक उत्पीड़न भी शामिल था।
हाल ही में नेशनल टीवी TF1 पर उन्होंने बताया कि किस तरह से स्कूल में bullying और होमोफोबिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।
अतः,अब आने वाला चुनाव ही बताएगा कि राष्ट्रपति मैक्रों की यह तक़रीब उनकी सरकार के लिए कितनी फायदेमंद साबित होती है।
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